सहारनपुर लोकसभा सीट पर भाजपा ने एक बार फिर राघव लखनपाल शर्मा पर भरोसा जताया है। सहारनपुर सीट से पार्टी ने उन्हें तीसरी बार प्रत्याशी घोषित किया है। राघव 2014 में पहली बार जीतकर संसद पहुंचे थे। 2014 में उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार इमरान मसूद को 60,000 से ज्यादा वोटों से पटकनी दी थी। हालांकि 2019 में वह बसपा के हाजी फजलुर्रहमान से करीब 22 हजार मतों से हार गए थे। लेकिन, अब तीसरी दफा एक बार फिर भाजपा ने उन पर भरोसा जताया है। राघव तीन बार विधायक भी रह चुके हैं।
पिता की असमय मृत्यु के बाद राघव राजनीति में आए थे और पिता की खाली हुई सरसावा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में वह पहली बार चुनावी राजनीति में उतरे थे। इस उपचुनाव में राघव ने शानदार जीत दर्ज की। लेकिन, साल 2002 में हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद राघव लखनपाल 2007 और 2012 में सहारनपुर शहर सीट से भाजपा के टिकट पर जीतकर विधायक बने। साल 2014 में भाजपा ने उन्हें अपना लोकसभा का उम्मीदवार बनाया और वह पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरे।
2014 के आम चुनाव में राघव ने कद्दावर मुस्लिम नेता इमरान मसूद को 60 हजार से ज्यादा वोटों से हराया। 2019 के आम चुनाव में एक बार फिर पार्टी ने उन्हें टिकट दिया। लेकिन इस बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वह बसपा के हाजी फजलुर्रहमान से करीब 22 हजार मतों से चुनाव हार गए थे। इसके बाद पार्टी ने उन्हें भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी बनाया। 2 दिसंबर 2017 को उन्होंने लोकसभा में जनसंख्या नियंत्रण कानून का ड्राफ्ट भी पेश किया।
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राघव लखनपाल शर्मा का प्रोफाइल
नाम: राघव लखनपाल शर्मा
पिता का नाम: स्वर्गीय निर्भय पाल शर्मा
वर्तमान पता-फ्रैंडस कालोनी, दिल्ली रोड सहारनपुर उप्र
शिक्षा:-आईएमआई दिल्ली से ग्रेजुएशन
जन्म:- 28 अक्टूबर 1974, उम्र 49
प्रोफेशन:- उद्यमी व राजनीतिज्ञ
राजनीतिक सफर
-पिता की असमय मृत्यु से राजनीति में आए राघव लखनपाल शर्मा तीन बार विधायक और एक बार सांसद रह चुके हैं। 2000 में पिता की खाली हुई सीट पर हुए उपचुनाव में जीतकर राघव पहली बार विधायक बने थे। इसके बाद 2007 और 2012 में वह सहारनपुर नगर सीट से विधायक रहे और 2014 में पहली बार सांसद बने। राघव भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रहे।
राघव लखनपाल शर्मा ने कहा कि पार्टी ने जो विश्वास जमाया है, उस पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करेंगे। भारी मतों से चुनाव में जीत दर्ज की जाएगी। तीसरी बार पूर्ण बहुमत के साथ भाजपा सरकार बनाने जा रही है। जनता का विश्वास भाजपा के साथ है।
राघव ने संघ और संगठन की नजदीकियों से मारी बाजी
2019 की मोदी लहर में चुनाव हार गए राघव लखनपाल शर्मा पर पार्टी ने तीसरी दफा एक बार फिर दांव खेला है तो इसके पीछे राघव की क्षेत्र में बढ़ी सक्रियता है तो संघ और संगठन से उनकी नजदीकियां भी बड़ा फैक्टर रहा है। राघव 2014 में पहली बार सहारनपुर सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। 2019 में वह हार गए थे लेकिन अब एक बार पार्टी ने उन पर भरोसा जताया है।
49 वर्षीय राघव लखनपाल शर्मा की संघ और संगठन से नजदीकियां जगजाहिर रही है। मोदी लहर में हार के बावजूद तीसरी बार उनके टिकट के पीछे भी इसी समीकरण को अहम माना जा रहा है। हालांकि पिछले कुछ सालों से क्षेत्र में उनकी बढ़ी सक्रियता का लाभ भी उन्हें मिला है, इससे कोई इंकार नहीं कर सकता। पार्टी के अंदरूनी सर्वे में भी इस पर मुहर लगी।
2019 में हार के बाद से ही राघव एक मझे हुए राजनेता की तरह फील्ड में सक्रिय रहे थे और उनकी यह सक्रियता निरंतर बनी हुई है। इसके साथ ही जिले से लेकर राज्य और केंद्रीय संगठन तक राघव ने अपनी पैठ मजबूत बनाए रखी। यही कारण है कि पार्टी उससे पहले उन्हें युवा मोर्चा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तक बना चुकी है। पार्टी का थिंक टैंक माने जाने वाले संघ में भी राघव की पकड़ मजबूत रही और स्थानीय स्तर से लेकर नागपुर तक संघ के नेताओं का प्यार उन्हें बराबर मिलता रहा। उनकी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत अन्य दिग्गजों से भी गहरी नजदीकियां बतायी जाती है।
साल 2019 का परिणाम
प्रत्याशी प्राप्त मत
हाजी फजलुर्रहमान 514139
राघव लखनपाल 491722
इमरान मसूद 207068
यह था 2014 का परिणाम
प्रत्याशी प्राप्त मत
राघव लखनपाल 472999
इमरान मसूद 407909
जगदीश राणा 235033