नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) चुनाव के लिए शुक्रवार को 73 प्रतिशत मतदान हुआ, जोकि पिछले 12 वर्षों में सबसे अधिक है। चुनाव समिति ने कहा कि जेएनयूएसयू चुनाव दो चरणों में हुए, जिनमें साजो-सामान की व्यवस्था के कारण देरी हुई। चार साल के अंतराल के बाद मतदान हुआ और 7,700 से अधिक पंजीकृत मतदाताओं ने गुप्त मतदान के जरिए अपना वोट डाला।
मतदान में देरी के कारण मतों की गिनती में भी देरी हो रही है जो रात नौ बजे शुरू होनी थी। मतों की गिनती पूरी होने के बाद रविवार को जेएनयूएसयू के नतीजे घोषित किए जाएंगे। मतदान के लिए विभिन्न अध्ययन केंद्रों में कुल 17 मतदान केंद्र बनाए गए। मतदान करीब 11 बजे शुरू हुआ और शाम सात बजे तक चला।
जेएनयू में बीते सालों में कितने फीसदी मतदान?
जेएनयू में 2019 में 67.9 प्रतिशत, 2018 में 67.8 प्रतिशत, 2016-17 में 59 प्रतिशत, 2015 में 55 प्रतिशत, 2013-14 में 55 प्रतिशत और 2012 में 60 प्रतिशत मतदान हुआ था। मतदाता जब अपने-अपने केंद्रों पर वोट डालने के लिए कतार में खड़े थे तो विभिन्न छात्र संगठनों के समर्थकों ने अपने नेताओं के पक्ष में नारे लगाए।
ढोल की थाप के साथ ‘जय भीम’, ‘भारत माता की जय’ और ‘लाल सलाम’ के नारे के साथ माहौल गर्म हो गया क्योंकि 11 बजे के बाद बड़ी संख्या में छात्र मतदान केंद्रों पर एकत्र होने लगे। जेएनयूएसयू के केंद्रीय पैनल के लिए कुल 19 उम्मीदवार मैदान में हैं, वहीं स्कूल काउंसिलर के लिए 42 लोग किस्मत आजमा रहे हैं। छात्र संघ अध्यक्ष पद के लिए आठ उम्मीदवारों के बीच मुकाबला है। केंद्रीय पैनल में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, संयुक्त सचिव और महासचिव होते हैं। (इनपुट: भाषा)