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Badaun murder case: बदायूं में बच्चों के दोहरा हत्याकांड की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में साजिद की बर्बरता और क्रुरता को उजागार किया हैं। रिपोर्ट में आयुष और आहान के गले आगे से पूरी तरह रेत दिए थे। आयुष पर 9 जख्म तो आहान पर 6 जख्म मिले हैं। आयुष के कंधे, सिर, चेहरे समेत शरीर के छह अंगों पर छुरी से वार किए। जिससे गहरे घाव हो गए। दोनों बच्चों की मौत का कारण बना। विनोद ठाकुर के बेटे आयुष और आहान की वीभत्स घटना को लेकर हर कोई स्तब्ध हैं।
घटना स्थल बयां कर रहा नृशंस हत्या की दास्तां
घटना स्थल बच्चों की नृशंस हत्या का दास्तां बयां कर रहा है। हर तरफ फैला खून तमाम सवाल छोड़ रहे हैं। फिलहाल तो पुलिस की जांच के बाद ही साफ होगा कि घटना का कारण क्या रहा है। बाबा कालोनी के विनोद के घर तीसरी मंजिल छत पर साजिद ने दो बच्चों की निर्मम हत्या की है। पुलिस को दोनों बच्चों के शव को छत पर जीने के गेट के पास मिले हैं। मगर छत पर इसके अलावा कुछ दूरी करीब पांच से सात फीट पर दूसरी जगह खून पड़ा हुआ है और वहीं दोनों बच्चों के चप्पल पड़ी हुई हैं। बच्चों की जहां चप्पल पड़ी हैं वहां शव नहीं था शव दूसरी जगह जीना के गेट के पास मिले हैं। जीना गेट के पास भी काफी खून पड़ा था। इससे साफ होता है कि अंदर छत के पास बच्चों की नृशंस हत्या की गई और हत्या के चलते भागकर बच्चे गेट पर जीना का दरवाजा लगा लिया होगा और जीना गेट के पास गला रेतकर मार दिया गया। जीना के पास ज्यादा ब्लड पड़ा है और जहां चप्पल पड़ी हैं वहां ब्लड कुछ कम है।
फॉरेसिंक टीम ने घटनास्थल पर नहीं लगाई पीली पट्टी
फॉरेसिंक टीम घटना स्थल के आसपास साक्ष्यों को सुरक्षित रखने के लिए पीली पट्टी खींच देती है। ताकि साक्ष्य सुरक्षित रहें और कोई व्यक्ति घटना स्थल का नजरी नक्शा को न बिगाड़ सके। इस पीली पट्टी के अंदर के साक्ष्य और नजरी नक्शा के आधार पर फॉरेसिंक टीम घटना स्थल पर जांच करने के बाद एसएसपी सहित शासन-प्रशासन को रिपोर्ट देती है। मगर दो बच्चों की हत्या के बाद फॉरेसिंक टीम ने सुबह फिर निरीक्षण तो कर लिया लेकिन बीते रात से अब तक घटना स्थल पर न तो पीली पट्टी खींची गई है न ही स्थान पर साक्ष्य सुरक्षित करने के लिए पट्टी से सुरक्षित किया है।