कोटा में बीते दिन मध्य प्रदेश की एक छात्रा के अपहरण की खबर ने काफी सुर्खियां बटोरीं थी। हालांकि, अब कोटा पुलिस ने इस बारे में हैरान करने वाला खुलासा किया है। पुलिस का दावा है कि छात्रा की कोई किडनैपिंग नहीं हुई थी। छात्रा मध्य प्रदेश के ही इंदौर शहर में रह रही थी। बता दें कि छात्रा के अपहरण की सूचना मिलने के बाद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने खुद इस मामले का संज्ञान लिया था। उन्होंने इस मामले को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से भी बातचीत की थी।
क्या है पूरा मामला?
छात्रा के पिता ने कहा था कि मध्य प्रदेश के शिवपुरी की उनकी 21 वर्षीय बेटी कोटा के एक छात्रावास में रह रही थी। उन्होंने दावा किया था कि उनकी बेटी का अपहरण हो गया है और अपहरणकर्ताओं ने उनसे 30 लाख रुपये की फिरौती की मांग की है। युवती के पिता ने 30 लाख रुपये की फिरौती मांगे जाने का दावा करते हुए कहा कि उनकी बेटी की कुछ तस्वीरें भी उन्हें मिलीं जिनमें उसके हाथ पैर बंधे हुए नजर आ रहे हैं।
सिंधिया ने लिया था संज्ञान
शिवपुरी जिले में रहने वाली एक छात्रा का राजस्थान के कोटा में कोचिंग से फिरौती के लिए कथित तौर पर अपहरण किए जाने के बाद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा से बात की थी। सिंधिया ने पीड़िता के परिवार को आश्वासन दिया था कि छात्रा को अपहरणकर्ताओं से चंगुल से जल्द बचा लिया जाएगा।
विदेश जाने के लिए रची गई साजिश
इस पूरे मामले पर एसपी अमृता दुहन ने जानकारी दी है कि कोई अपहरण नहीं हुआ थी। जो सबूत मिले हैं उसके अनुसार, ये अपहरण फर्जी था और छात्रा इंदौर में रह रही है। छात्रा के साथ इस प्लानिंग में उसके दो दोस्त भी थे। एसपी ने बताया कि उन्हें पढ़ाई के लिए विदेश जाने की योजना है जिसके लिए उन्हें पैसों की जरूरत है और इसलिए उसने अपने माता-पिता से इसकी मांग की है।
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