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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2010 में बरेली दंगे में अभियुक्त के तौर पर जारी समन के खिलाफ दाखिल मौलाना तौकीर रज़ा की याचिका पर सुनवाई में उसे ट्रायल कोर्ट में सरेंडर कर जमानत के लिए आवेदन करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने तौकीर के खिलाफ़ जारी गैर ज़मानती वारंट में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। साथ ही कोर्ट ने तौकीर को जारी आदेश में ट्रायल कोर्ट जज द्वारा निजी अनुभव के आधार पर टिप्पणी करने की निंदा की है और उनके आदेश के पेज 6 के पैरा 8 को स्पंज कर दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्र ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद दिया। इत्तेहाद ए मिल्लत काउंसिल के चीफ है मौलाना तौकीर रजा पर बरेली में 2010 में हुए दंगे को भड़काने का आरोप है। बरेली की अदालत ने मौलाना तौकीर रजा को इस मामले में अभियुक्त मानते हुए सीआरपीसी की धारा 319 के तहत समन जारी किया। समन पर मौलाना के उपस्थित नहीं होने पर अदालत ने गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है। अदालत में पेश नहीं होने पर उसके खिलाफ दो बार गैर जमानती वारंट जारी हो चुका है। अदालत ने बरेली पुलिस को मौलाना तौकीर रजा को गिरफ्तार कर पेश करने का भी आदेश दिया है। याचिका में समन आदेश को चुनौती दी गई है।
याचिका पर मंगलवार को सुनवाई में मौलाना तौकीर रजा के वकीलों ने पक्ष रखा। कहा गया कि बिना किसी आवेदन के ट्रायल जज ने उनको गवाहों के बयान के आधार पर स्वताः संज्ञान लेकर तलब किया है जबकि उसके मामले में फाइनल रिपोर्ट लग चुकी है। सरकारी वकील ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि तौकीर रज़ा 2010 में हुए बरेली दंगे का मास्टर माइंड है। उसके खिलाफ़ काफी साक्ष्य है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने तौकीर रज़ा को 27 मार्च तक सरेंडर कर ज़मानत के लिए आवेदन प्रस्तुत करने के लिए कहा है।
10 साल पुराने मामले में कोर्ट ने दरोगा समेत 3 सिपाहियों पर की कार्रवाई, गैर जमानती वारंट जारी
मौलाना के घर पर गिरफ्तारी वारंट चस्पा
2010 के दंगे का मास्टरमाइंड मौलाना तौकीर रजा फिलहाल फरार है और पुलिस उसकी तलाश में लगातार दबिश दे रही हैं। इसी क्रम में सोमवार को प्रेमनगर पुलिस ने कोतवाली के मोहल्ला सौदागरान स्थित मौलाना के घर उसका गिरफ्तारी वारंट चस्पा कर दिया। बता दें कि साल 2010 में बरेली में हुए सांप्रदायिक दंगे को लेकर प्रेमनगर थाने में तत्कालीन इंस्पेक्टर प्रेमनगर करन सिंह ने 178 नामजद और हजारों अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें बलवा, जानलेवा हमला, डकैती और धार्मिक उन्माद फैलाने समेत तमाम आरोप लगाए गए थे। दंगे के चलते कई हफ्ते तक शहर में कर्फ्यू लगा रहा।