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BPSC TRE-3 Paper Leak : बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) शिक्षक बहाली के तीसरे चरण (टीआरई-3) के प्रश्न पत्र लीक मामले की जांच में बड़ी जानकारी सामने आई है। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की अब तक की जांच में यह बात सामने आई है कि आउट (लीक) हुए प्रश्नपत्र पर बार कोडिंग या सुरक्षा कोड नहीं थे। इसका तात्पर्य है कि प्रश्नपत्र प्रिंटिंग प्रेस में छपने के पहले ही आउट हो गए थे, क्योंकि छपने के बाद इन पर अलग से खास किस्म की बार कोडिंग की जाती है। इन सुरक्षा कोड की मदद से यह पता चल जाता है कि उक्त प्रश्नपत्र किस केंद्र के किस कमरे में बांटे गए थे। बिना बार कोडिंग वाले प्रश्नपत्र को पहले पेन ड्राइव में बाहर निकाला गया। इसके बाद इसे प्रिंट कर सेटिंग वाले स्थान पर रटवाने के लिए अभ्यर्थियों को दिया गया था। अब तक मिले साक्ष्य के आधार पर शक के दायरे में प्रिंटिंग प्रेस और आयोग दोनों आ रहे हैं। चाहे प्रिंट होने के पहले प्रेस से या प्रेस तक पहुंचाने से पहले या वहां तक ले जाने के क्रम में इसे लीक कर दिया गया है। हालांकि ईओयू के स्तर पर गठित एसआईटी पूरे मामले की गहन तफ्तीश करने में जुटी हुई है। इसके बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
बरामद प्रश्नपत्र था एक ही भाषा में:
जब्त किए गए प्रश्नपत्र सिर्फ एक भाषा हिन्दी में छपा मिला था। इसका मिलान बीपीएससी से मूल प्रश्नपत्र लेकर करने पर सभी प्रश्न हूबहू मिले थे। अमूमन प्रतियोगिता परीक्षा का प्रश्नपत्र चार भाषाओं हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू और बांग्ला में छपता है। परंतु बरामद किया गया प्रश्नपत्र सिर्फ एक भाषा हिन्दी में ही था। अन्य किसी भाषा का प्रश्नपत्र नहीं मिला है। इससे भी यह साबित होता है कि प्रश्नपत्र प्रिंटिंग प्रेस में छपने से पहले या यहां तक पहुंचने से पहले आयोग के स्तर पर ही लीक हुआ है। इस मामले की गहन तफ्तीश करने के लिए ईओयू की एसआईटी बीपीएससी के पदाधिकारियों को भी नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुला सकती है। इससे जुड़े कई पहलुओं पर अभी जारी है। इसमें कई स्तर के लोगों की मिलीभगत सामने आ सकती है। जिस प्रिंटिंग प्रेस में प्रश्नपत्र छपवाए गए थे, उसके बारे में भी जानकारी लेकर ईओयू की टीम उनसे भी पूछताछ कर सकती है।
कहीं से फोटो खींचकर नहीं भेजा गया था इसे:
अब तक की जांच यह अहम बात भी सामने आई है कि प्रश्नपत्र की फोटो खींचकर इसे कहीं नहीं भेजा गया था और न ही पेन ड्राइव में ही लोड किया गया था। बल्कि मूल प्रश्नपत्र की कॉपी को ही पेन ड्राइव में कॉपी करके इसे सेटरों और अभियुक्तों को रटवाने के लिए इनके बनाए गए केंद्रों तक पहुंचाया गया था। इस बात के भी प्रमाण मिले हैं कि इस पेन ड्राइव को पहले पटना लाया गया था। इसके बाद इसे हजारीबाग भेजा गया था। इस बात की जांच चल रही है कि यह किन लोगों के हाथों में होते हुए गया था।
ईओयू ने बीपीएससी को कहा- नोडल अधिकारी करें नियुक्त:
इस मामले की जांच में सहयोग करने और जांच प्रक्रिया को जल्द पूरी करने के लिए ईओयू ने बीपीएससी को एक नोडल पदाधिकारी नियुक्त करने के लिए कहा है। ताकि इनसे किसी भी समय संपर्क करके जरूरत के अनुसार दस्तावेज प्राप्त कर सकें। इसके अलावा बीपीएससी को इस परीक्षा से जुड़े सभी तरह के दस्तावेज और कंप्यूटर, लैपटॉप समेत अन्य को संभालकर रखने के लिए कहा है। इनकी जब भी ईओयू को जरूरत पड़ेगी, वह इन्हें मंगवाकर जांच कर सके। इनसे कई जरूरी तथ्यों के मिलने की संभावना है।