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हाल ही में हॉकी इंडिया की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एलेना नॉर्मन और महिला हॉकी टीम की मुख्य कोच जेनेके शोपमैन ने अपने पद से इस्तीफा दिया है। ऑस्ट्रेलिया की नॉर्मन करीब 13 साल तक हॉकी इंडिया की सीईओ रहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि लंबे समय से उनका वेतन रोका गया था और फेडरेशन में गुटबाजी के कारण काम करना मुश्किल हो गया था। वहीं, शोपमैन ने भेदवाभ का आरोप लगाते हुए कहा कि था कि महिला टीम के साथ पुरुषों के बराबर व्यवहार नहीं किया जाता।
गुटबाजी और भेदभाव के आरोपों के बाद बुधवार (28 फरवरी) को हॉकी इंडिया के अध्यक्ष डॉ दिलीप टिर्की और महासचिव भोलानाथ सिंह ने एक संयुक्त बयान जारी किया। दोनों ने आरोपों को खारिज कर दिया है। बयान में कहा गया, ”हाल ही में मीडिया में पद छोड़ने वाले अधिकारियों के बयान प्रकाशित हुए हैं, जिसमें दावा किया गया कि ऑर्गेनाइजेशन के भीतर विभाजन हैं। यह सही नहीं है। हम खेल के सर्वोत्तम हित में हमेशा की तरह साथ मिलकर काम करने के लिए एकजुट हैं।”
हॉकी इंडिया ने आगे कहा, ”फेडरेशन ने टीमों और सभी खिलाड़ियों के साथ समान व्यवहार किया है। सभी को समान लाभ और सुविधाएं दी गईं हैं। जिसमें नकद पुरस्कार और सम्मान शामिल है, जो पूरी तरह से प्रदर्शन पर आधारित है। हम जमीनी स्तर से लेकर राज्यों के साथ-साथ नेशनल लेवल पर समानता में विश्वास रखते हैं।” बयान में इसके अलावा कहा गया कि हम महिला टीम को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन में मदद के लिए नए सिरे से हरसंभव प्रयास करेंगे।