घोरावल (विजय अग्रहरि)
घोरावल। घोरावल नगर के शिव मंदिर धर्मशाला परिसर में आयोजित श्रीमद्भागवत महापुराण सप्ताह ज्ञान यज्ञ एवं श्रीभागवत कथा के तीसरे दिन मंगलवार सुबह यज्ञ मंडप की परिक्रमा के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।मुख्य यज्ञाचार्य पंडित शिवम शास्त्री के नेतृत्व में विद्वान आचार्य द्वारा यज्ञ क्रिया संपन्न कराया गया।देर शाम व्यासपीठ से श्रीभागवत कथा सुनाते हुए पं. विमल जी महाराज ने राजा परीक्षित के जन्म, उनके राज्यारोहण, पांडवों व द्रौपदी के स्वर्गारोहण की कथा सुनाई।फिर राजा परीक्षित द्वारा शमिक ऋषि के गले में मृत सांप डालने, ऋषि के पुत्र श्रृंगी ऋषि द्वारा परीक्षित को तक्षक नाग द्वारा डसने का श्राप मिलने की कथा सुनाते हुए कहा कि अकाल मृत्यु के दोषों से बचने और कल्याण के लिए राजा परीक्षित 60 हजार ऋषियों में सर्वश्रेष्ठ शुकदेवजी की शरण में जाते हैं।शुकदेव जी पर उन्हें अकाल मृत्यु से बचने के लिए श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन करने के परामर्श देते हैं।कथा का बड़ा ही हृदयस्पर्शी एवम् मार्मिक वर्णन करते हुए विमलजी महाराज ने कहा कि श्री भागवत कथा सुनने और सुनाने से जीव परम गति को प्राप्त करता है।संतो के आगमन से सांसारिक जीवन का कल्याण होता है।जिस जगह संतों का चरण पड़ जाए वह स्थान धन्य हो जाता है।संतों की शरण में जाने मात्र से ही जीव पर प्रभु की कृपा हो जाती है।इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य नीरज श्रीवास्तव नगर पंचायत अध्यक्ष सूरज श्रीवास्तव, शालिगराम साहू, राजकमल, रमेश कुमार उमर, मुख्य यजमान राजेश सिंह, अखिलेश कुमार इत्यादि मौजूद रहे।