ओबरा (पीडी राय/सौरभ गोस्वामी)
ओबरा। बहुजन सशक्तिकरण संघ के कार्यकर्ताओं ने एससी, एससीएसटी व पिछडा वर्गों के आरक्षण को भारतीय संविधान की नौंवी अनुसूची में शामिल करने के लिए शनिवार को राज्यपाल को सम्बोधित प्रार्थना पत्र उपजिलाधिकारी ओबरा को सौंपा।कार्यकर्ताओं का नेतुत्व कर रहे बहुजन सशक्तिकरण संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष अजय कुमार डिम्पल ने बताया कि देश में कुछ जिम्मेदार संवैधानिक संस्थाओं द्वारा एससी/एसटी/ओबीसी एकता व आरक्षण को क्रिमीलेयर सिद्धान्त द्वारा ध्वस्त करने की नीयत साफ दिखाई दे रही है।निजी क्षेत्र में प्रबंधन स्तर पर एससी/एसटी/ओबीसी का प्रतिनिधित्व न के बराबर है।आज भी प्रतिदिन औसतन 125 अभियोग एससी/एसटी एक्ट के दर्ज हो रहे है जिनमें शिकार होने वालो में जाति आधार रहता है।अधिकारी कर्मचारी नेता नहीं देखा जाता है।साक्षात्कार में हर भर्ती आयोग एससी/एसटी/ओबीसी के सभी उम्मीदवारों को कम अंक दिये जाते है।आरक्षण प्राप्तकर्ताओं को बांटकर आरक्षण का दबाव बनाने वाले, संरक्षण करने वाले नेता, अधिकारी, कर्मचारी को अलग करके आरक्षण पूरा करते समय कह देगें कि योग्य अभ्यार्थी नहीं मिला।देश से जातिवाद खत्म करने हेतु संवैधानिक संस्थाओं में बैठे लोगो को दिखाई नहीं देता है।एससी/एसटी/ओवीसी का बंटवारा करना ही संवैधानिक संस्थाओं में बैठे लोगो का मकसद बनकर रह गया है।कहा कि हम सभी सरकार से मांग करते है कि एसएसी/एसटी आरक्षण मामले में क्रिमीलेयर का आदेश न होने दिया जाये, ओबीसी का किमीलेयर खत्म किया जाये, देश में जातियों का विनाश हेतु जातिबन्दी कानून बनाया जाये, केन्द्र व राज्य सरकारों की सभी परीक्षाओं में साक्षात्कार समाप्त किया जाये तथा एससी/एसटी/ओबीसी आरक्षण कानूनों को 9वीं अनुसूची में डालकर ज्यूडिशियल रिव्यू से हटाया जाये।इस मौके पर राजेंद्र प्रसाद, संजय कनौजिया, दिनेश कुमार, विकास कुमार, संजय ठाकुर, चंद्रकांत राव, डब्लू रंगीला, दीपक विश्वकर्मा, गजेंद्र भारती, अनंत राम, सूरज, अजय कुमार, विशाल, सुशील, अमरजीत कुमार, धीरज कुमार, रोहित कुमार इत्यादि लोग उपस्थित रहे।