ओबरा (पीडी राय/सौरभ गोस्वामी)
ओबरा। आदिवासी विकास मंच सोनभद्र द्वारा रेलवे यातायात प्रबंधक चोपन के माध्यम से डीआरएम धनबाद व महाप्रबंधक रेलवे पूर्व मध्य हाजीपुर बिहार को पत्र दिया गया था।दिए गए पत्र में फफरा कुंड रेलवे स्टेशन के पास कड़िया में रेलवे क्रॉसिंग, जोगीडीह रेलवे स्टेशन पर रेलवे क्रॉसिंग, खुलदिल रेलवे स्टेशन पर वाराणसी शक्ति नगर इंटरसिटी एवं त्रिवेणी एक्सप्रेस का ठहराव तथा आदिवासियों के लिए पूर्व में चल रही पैसेंजर ट्रेन चुनार चोपन गोमो एवं चोपन कटनी पैसेंजर को चालू किए जाने की मांग की गई थी।इसके लिए मंच ने रेलवे प्रशासन को एक माह का समय दिया था, लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाई न किए जाने के कारण आदिवासियों में भारी आक्रोश व्याप्त हो चुका है।इस संबंध में आदिवासी विकास मंच ने बैठक कर पूर्व में लिए गए निर्णय के अनुसार समस्याओं के समाधान न होने पर 7 दिसंबर को आंदोलन की नोटिस देने के लिए रेलवे यातायात प्रबंधक चोपन के माध्यम से डीआरएम धनबाद एवं महाप्रबंधक हाजीपुर को मंच का एक प्रतिनिधि मंडल नोटिस देगा और निवेदन करेगा कि आदिवासियों को आंदोलन पर जाने के लिए रेलवे प्रशासन विवस ना करें।मंच के संयोजक हरदेवनारायण तिवारी ने कहा की यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि विगत चार माह से आदिवासी विकास मंच के प्रतिनिधि रेलवे अधिकारियों को पत्र देकर मांग कर रहा है की समस्याओं का समाधान किया जाए लेकिन अभी तक इस पर कोई विचार नहीं किया गया।अब आंदोलन के अलावा और कोई दूसरा विकल्प नहीं रह गया है।बैठक में निर्णय लिया गया की 26 दिसंबर से चरणबद्ध आंदोलन क्रमशः फफरा कुंड रेलवे स्टेशन पर, खुल दिल रेलवे स्टेशन पर एवं जोगी डीह रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन के माध्यम से पुनः ज्ञापन रेलवे स्टेशन मास्टर के माध्यम से दिया जाएगा।इसके पश्चात रेलवे लाइनों पर 2 घंटे का प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया।इसके बाद भी बातें नहीं सुनी गई तो संपूर्ण आदिवासी महिला पुरुष छात्र-छात्राएं रेलवे लाइन पर धरना करने के लिए विवश होंगे।जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी रेलवे प्रशासन की होगी।बैठक में मंच के सहसंयोजक सूबेदारगौड़, समय लाल खरवार, रामचंद्रगौड़, राजाराम भारती, सत्येंद्र भारती, मंच के सहसंयोजक शमीम अख्तर खान, शिव प्रसाद खरवार, कांति सिंह, प्रभात कुमार पांडे, ईश्वर प्रसाद केसरी, रामसूरत प्रजापति, रमेश केसरी, कामरेड लालचंद, आर पी त्रिपाठी, कंपनी खरवार, महेश यादव, दूधनाथ खरवार, शालिक, राम भारती, मोहन सिंह, राजमणि आदि उपस्थित रहे।