रेणुकूट(अमिताभ मिश्र)
रेणुकूट। नगर निवासी तनवीर खान 68 वर्ष की उम्र में भी हिंडालको द्वारा आयोजित रामलीला में लगातार 49 वर्षों से भाग लेकर गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल बने हैं। बभनी थाना क्षेत्र के बड़होर गांव के मूल निवासी तनवीर खान बचपन से ही रेणुकूट में रह रहे हैं। उनके पिता प्रख्यात कवि रणबहादुर खान संयोग हिंडाल्को द्वारा संचालित प्राइमरी स्कूल में शिक्षक थे। वर्ष 1955 में पैदा हुए तनवीर खान 19 वर्ष की उम्र से ही रामलीला में विभिन्न किरदार निभा रहे हैं, 1965 में शुरू हुई रामलीला के 9 वर्ष बाद से ही तनवीर इसमें विभिन्न भूमिका निभा रहे हैं। उनका कहना है कि उनके एक काफी अजीज साथी प्रेम सिंह थे और उनके साथ वे शुरुआत में 15 वर्ष तक रामलीला के मंच पर जोकर की भूमिका करते थे। दुर्भाग्यवश उनके साथी का देहांत 1989 में होने के बाद उन्होंने जोकर बनना छोड़ दिया, उन दोनों लोगों के जोकर के रोल में नगर की जनता उन्हें काफी पसंद करती थी। जोकर बनना बंद होने के बाद उन्होंने निषादराज, कालनेमि, अहिरावण, नंदीगण, मामा मारीच जैसे अनेक रोल किए हैं और दर्शकों की खूब वाहवाही बटोरी है। रंगमंच के साथ-साथ खेल की दुनिया में भी उनका डंका बज रहा है। 68 वर्ष की उम्र में भी वे अभी टेनिस के राष्ट्रीय स्तर के खेल में प्रतिभाग कर रहे हैं, उनका कहना है कि बीते 3 वर्ष से लगातार नेशनल वेटरन्स खेल रहे हैं और अभी बीते वर्ष उन्होंने जम्मू कश्मीर में जाकर राष्ट्रीय स्तर के टेनिस प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया। इसके अलावा धर्मशाला, इंदौर में भी जाकर वे टेनिस में भाग ले चुके हैं। उनके बेटा और बेटी भी टेनिस में काफी अच्छा खेलते हैं उनकी बिटिया भी राष्ट्रीय स्तर के खेलों में प्रतिभाग कर चुकी है और बेटा यूपी चैंपियन रहा है। उनके पिता रणबहादुर खान संयोग भी बहुत अच्छे कवि थे उनका हिंदी, उर्दू और आदिवासी भाषा पर काफी अच्छी पकड़ थी। उन्होंने भी राष्ट्रीय स्तर के कवि सम्मेलन में कई बार भाग लिया था।