चोपन (मनोज चौबे)
– समय रहते नहीं हुये संजीदा तो समस्या हो सकती है विकट
चोपन। थाना क्षेत्र के पटवध ग्राम सभा के कचारी टोला में फैला डायरिया का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। स्थिति यह है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चोपन से ठीक हो कर के जैसे ही कुछ मरीज घर जा रहे हैं वैसे ही गांव से कुछ अन्य नये मरीज वापस अस्पताल भी पहुंच जा रहे हैं, जिम्मेदारों की उपेक्षा के कारण और रोकथाम के लिए किए गए प्रयासों के दावे के बावजूद लोगों को उल्टी दस्त की शिकायतों में कमी नहीं आ पा रही है।वहीं कुछ लोगों को दवा खाने के बाद भी राहत नहीं मिल रही है, प्रदूषित पानी को पीने से रोकने के लिए ग्रामीण इलाकों में जागरूकता का अभाव भी देखने को मिल रहा है, जबकि विभाग गांव में कैंप लगाने का दावा कर रहा है।बताते चलें कि गत शनिवार की रात से ही कचारी टोला में डायरिया का संक्रमण तेजी से फैलने लगा था।सूचना के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया और रोगियों को एंबुलेंस से चोपन अस्पताल ले जाया जाने लगा।डायरिया से ढाई साल के बच्चे दीपक की मौत भी हो गयी थी।चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल अब भी बना हुआ है।आज दूसरे दिन भी बाबू पुत्र राजेश 3 वर्ष, लक्ष्मी पुत्री राजेश 5 वर्ष को भी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।इन्हीं मरीजों के भाई दीपक की समय से उपचार न मिल पाने के कारण रविवार को ही मौत हो गई थी।अमरनाथ पुत्र सम्मत 50 वर्ष निवासी घटीहटा, मीरा पुत्री विजेंदर 2 वर्ष निवासी पटवध, पायल पुत्री बिजेंदर 8 वर्ष, शिवम पुत्री बिजेंदर 7 वर्ष, शंकर पुत्र राम मिलन 60 वर्ष को भी आज भर्ती करा दिया गया है।वही अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि पिछले दिनों भर्ती मरीजों में से 20 मरीज ठीक हो करके घर वापस जा चुके हैं जबकि 14 पुराने मरीजों की स्थिति में सुधार न होने की दशा में अभी भी उन्हें अस्पताल में ही रोक कर इलाज किया जा रहा है।गौरतलब बात यह है कि इतने बड़े सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के परिसर में मरीजों को पीने के लिए स्वच्छ पानी पीने के संसाधन का अभाव है।छत पर लगी हुई टंकी का पानी ही एकमात्र सहारा बना हुआ है जिसके प्रदूषित होने की भी संभावना है।यदि विभाग समय रहते संजीदा नहीं होती है तो आने वाले समय में स्थिति और भी बिगड़ सकती है।