ओबरा (पीडी राय/सौरभ गोस्वामी)
ओबरा। ओबरा तहसील परिसर में सोमवार को अधिवक्ताओं का एक गुट पांच सूत्रीय मांगों के समर्थन में धरने पर बैठ गया।सोनांचल बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष रमेश मिश्रा ने माल्यार्पण कर अधिवक्ताओं को धरने पर बैठाया।इस दौरान धरनारत अधिवक्ताओं ने सोनांचल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं महामंत्री पर मनमानीपूर्ण रवैया अपनाने एवं बार की छवि खराब करने का आरोप लगाया।अधिवक्ता नसीम खान ने कहा कि सोनांचल बार एसोसिएशन के लेटर पैड को अपने स्वार्थ में मनमाने तरीके से प्रस्ताव पारित कर न्यायिक कार्य में बाधा उत्पन्न की जा रही है।ओबरा तहसील परिसर में अध्यक्ष एवं महामंत्री द्वारा अवैध तरीके से गुमटी रखवाकर अतिक्रमण करना, आय-व्यय का लेखा जोखा ना देना, अधिवक्ता साथी को नुकसान पहुंचाने का प्रयास करना, विगत चुनाव में फर्जी रसीद छपवाकर गलत तरीके से सदस्य बनाये जाने आदि मामलों से अधिवक्ताओं में रोष व्याप्त है।धरने की सूचना पर एसडीएम ओबरा ने तत्काल तहसील परिसर के अंदर रखी गुमटी हटवा दी।इसके बाद अधिवक्ताओं ने अपना धरना समाप्त कर दिया।इस संबंध में सोनांचल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कपूरचंद पांडेय ने बताया कि सारे आरोप बेबुनियाद हैं।कुछ अधिवक्ता तहसील का माहौल खराब किये हुए हैं जिससे वादकारियों का कार्य प्रभावित हो रहा है।धरने के समर्थन में पूर्व अध्यक्ष रमेश चंद्र मिश्रा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिल चौधरी, अर्जुन शर्मा, विनोद गुप्ता, अवधेश अग्राल, हरिओम सेठ, परभाष पांडे, संजय निषाद, शंभू शर्मा, ईश्वर जायसवाल, सलीम कुरैशी, अजीत कुमार, यशवंत चौधरी, उमेश कुमार आदि अधिवक्ता रहे।