सोनभद्र (राजेश पाठक)
सोनभद्र। 6 वर्ष पूर्व 45 ग्राम हेरोइन के साथ पकड़े गए दोषी अंकुर जायसवाल ऊर्फ लकी को दोषसिद्ध पाकर शनिवार को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्जमा की अदालत ने 10 वर्ष की कैद व एक लाख रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई।अर्थदंड न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित होगी।अभियोजन पक्ष के मुताबिक 4 अगस्त 2017 को शक्तिनगर थाने के उप निरीक्षक प्रदीप कुमार सिंह पुलिस बल के साथ देखभाल क्षेत्र में बीना चौराहे पर मौजूद थे कि तभी कालोनी की ओर से बरवानी चौराहा की ओर मोटरसाइकिल से दो लोग आते दिखाई दिए।अचानक पुलिस को देखकर पीछे मुड़ने लगे तो मोटरसायकिल से गिर गए।दोनों भागने लगे तो शक होने पर पुलिस बल की मदद से दौड़ाकर पकड़ लिया गया। तलाशी के दौरान उनके कब्जे से क्रमशः 40 ग्राम हेरोइन व 45 ग्राम हेरोइन बरामद हुई।पूछताछ के दौरान दोनों ने अपना नाम पता क्रमशः अंकुर जायसवाल उर्फ लकी पुत्र स्वर्गीय भरत जायसवाल निवासी पंडारी, थाना रघुनाथपुर, जिला सरगुजा, छत्तीसगढ़ हाल पता बीना कालोनी, थाना शक्तिनगर, जिला सोनभद्र व मनीष सिंह पुत्र चंद्र प्रसाद सिंह निवासी रायपुर, थाना रायपुर, जिला रीवा, मध्यप्रदेश हाल पता बीना कालोनी, थाना शक्तिनगर, जिला सोनभद्र बताया।शक्तिनगर पुलिस ने धारा 8/21 एनडीपीएस एक्ट में एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना की।मामले की विवेचना के दौरान पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने अंकुर जायसवाल ऊर्फ लकी के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल किया था।मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान व पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी अंकुर जायसवाल ऊर्फ लकी को 10 वर्ष की कैद व एक लाख रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई।अर्थदंड न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी।कोर्ट ने 45 ग्राम हेरोइन को नष्ट करने का आदेश दिया है।अभियोजन पक्ष की ओर से शासकीय अधिवक्ता शशांक शेखर मिश्र ने बहस की।