फिल्मों का टाइटल रखने के लिए मेकर्स को काफी सोचना-विचारना पड़ता है. डायरेक्टर-प्रोड्यूसर्स और एक्टर्स मिलकर फिल्म का नाम सोचते हैं, फिर जाकर उसे रजिस्टर करवाते हैं. पिछले कुछ सालों में ये ट्रेंड बदल गया है. अब जब तक फिल्म का नाम तय नहीं होता, तब कर उसे हीरो के नाम के साथ, उस हीरो की फिल्म नंबर जोड़ दिया जाता है. उदाहरण के तौर पर थलापति विजय की ‘विजय 69’.
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