महोबा. पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन की खबर से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई. पूर्व पीएम के प्रति शोक ओर वेदना से बुंदेलखंड क्षेत्र भी अछूता नहीं रहा. बुंदेलखंड वासियों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके कार्यों को याद किया और उनकी नीतियों की सराहना की. स्थानीय लोगों ने डॉ. मनमोहन सिंह के बेहतर कार्यकाल में 1000 करोड़ की भारी भरकम धनराशि देकर बुंदेलखण्ड से सूखा, पलायन और बेरोजगारी जैसी गंभीर समस्याओं से निजात दिलाने में कामयाब रहने की बात कही. इन समस्याओं से उबरने के लिए उन्होंने एक हजार करोड़ रुपये के बुंदेलखंड पैकेज की घोषणा की थी, जो इस क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ. बुंदेलखंड वासियों ने इस पैकेज को क्षेत्र की स्थिति सुधारने वाला महत्वपूर्ण कदम बताया है.
बुंदेलखंड के महोबा में विशिष्ट कृषि मंडी में उपज बेचने आए किसानों ने कहा कि उस दौरान बुंदेलखंड के क्षेत्र में गरीबी, बेरोजगारी और पलायन की समस्या मुंह खोले खड़ी थी. जिसको कम करने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) लागू की. बुंदेलखंड में इस योजना के तहत हजारों ग्रामीणों को रोजगार मिला, जिससे उनकी आजीविका में सुधार हुआ और उन्हें अपने गांवों में ही स्थिरता मिली. उसी दौरान बुंदेलखंड में जल संकट एक बड़ी चुनौती थी. इसे ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने ब्लास्ट कूप बैल योजना की शुरुआत की.
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इस योजना के तहत महोबा और आसपास के इलाकों में 2,000 से अधिक कुओं को पुनर्जीवित किया गया. इस कदम ने न केवल सिंचाई सुविधाओं को बढ़ावा दिया, बल्कि किसानों को आत्मनिर्भर बनने में मदद की. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन की खबर सुनते ही महोबा और पूरे बुंदेलखंड में शोक का माहौल छा गया. कई बुजुर्गों और किसानों ने उन्हें याद करते हुए कहा, “डॉ. मनमोहन सिंह ने हमारी समस्याओं को समझा और उनका समाधान किया, उनका योगदान हमेशा हमारे दिलों में रहेगा.”
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FIRST PUBLISHED : December 28, 2024, 02:01 IST