जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर संभल में हुई हिंसा की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग की टीम शनिवार को देर शाम मुरादाबाद पहुंच गई है। आयोग के सदस्य रविवार (1 दिसंबर) को हिंसा की जांच के लिए संभल जाएंगे। आयोग में शामिल हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस डीके अरोड़ा और यूपी के पूर्व डीजीपी अरविंद कुमार जैन मुरादाबाद सर्किट पहुंचे। आयोग के तीसरे सदस्य रिटायर्ड प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद रविवा की सुबह मुरादाबाद पहुंचेंगे। आयोग के सदस्यों के मुरादाबाद पहुंचते ही कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह और डीआईजी मुनिराज जी ने सर्किट हाउस पर पहुंच कर मुलाकात की और संभल बवाल के घटनाक्रम और हालातों से अवगत कराया। मंडलायुक्त ने बताया कि न्यायिक आयोग रविवार को हिंसा की जांच के लिए संभल जाएगा।
रविवार सुबह 10.30 से 11 बजे के बीच न्यायिक आयोग शाही जामा मस्जिद (प्राचीन हरिहर मंदिर ASI रिपोर्ट और स्कंध पुराण के नक्शे इतिहास के हिसाब से विष्णु मंदिर) पहुंचेगा। न्यायिक आयोग मुरादाबाद पहुंच गया है। कल हिंसा वाले इलाके में जाकर जांच करेगा। मृतक परिवार से मिलने का फिलहाल प्लान नहीं है वो आगे तय होगा।
संभल में क्यों हुई हिंसा?
संभल में एक वकील ने स्थानीय अदालत में याचिका दाखिल कर कहा था कि शाही जामा मस्जिद का सर्व होना चाहिए। यह मस्जिद उसी स्थान पर बनी है, जहां पहले मंदिर हुआ करता था। अदालत के आदेश पर टीम सर्वे करने गई। सर्वे के दूसरे दिन बड़ी संख्या में लोग पहुंचे और सर्वे का विरोध करने लगे। इस दौरान विरोध कर रहे लोगों और सुरक्षाबलों की बीच झड़प में चार लोगों की मौत हो गई। इस घटना के बाद सं संभल में हालात तनावपूर्ण हैं और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात हैं।
एएसआई की रिपोर्ट में क्या?
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण कोर्ट में अपने जवाब में कहा है कि मस्जिद के स्ट्रक्चर में बदलाव किया गया है। इसके साथ ही कुछ तस्वीरें भी पेश की गईं हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI), मेरठ मंडल की टीम द्वारा मस्जिद के मुख्य द्वार पर से बाई तरफ एक पुराना कुआ देखा गया जोकि अब मस्जिद कमेटी/प्रसाशन द्वारा ढक दिया गया है, कुएं के ऊपर सुरक्षा दल हेतु एक बड़े कक्ष का निर्माण कर दिया गया है। मस्जिद की हौज और फर्श को भी बदला गया है। मस्जिद को पूरी तरह सेइनेमल पेंट की मोटी परतों द्वारा पेंट कर दिया गया है। प्लास्टर औफ पेरिस का इस्तेमाल किया गया है जिससे मस्जिद का वास्तविक स्वरूप नष्ट हो गया है। मस्जिद के मुख्य हॉल के गुम्बद से लोहे की चेन से वर्तमान में कांच का एक खुमार लगाया गया है। पश्चिम की ओर दो चेम्बर, छोटे कमरेनुमा सरंचना और मस्जिद के उत्तरी भाग में एक चेंबर पाया गया। छोटे कमरेनुमा सरंचना में ही पुरानी छत के वास्तविक अवशेष दिखाई पड़ते है। ये कक्ष आम तौर पर बन्द रहते हैं।