बांग्लादेश में जब से तख्ता पलट हुआ है, तब से ही हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार हो रहा है। बीते दिनों इस्कॉन के एक पूर्व सदस्य के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद से ही चट्टोगाम में विरोध प्रदर्शन जारी है। बता दें कि इस्कॉन के मुख्य पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद से ही बांग्लादेश के खिलाफ भारत व दुनियाभर में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार की चर्चा होने लगी है। इस बीच बांग्लादेश के चट्टोगाम में शुक्रवार को नारेबाजी कर रही भीड़ ने तीन हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की है। न्यूज पोर्टल ‘बीडीन्यूज24 डॉट कॉम’ ने अपनी खबर में कहा कि यह हमला बंदरगाह शहर के हरीश चंद्र मुनसेफ लेन में दोपहर 2.30 बजे हुआ।
बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों पर हमला
इस दौरान हमलावरों ने शांतानेश्वरी मातृ मंदिर, शनि मंदिर और शांतनेश्वरी कालीबाड़ी मंदिर को निशाना बनाया। समाचार पोर्टल ने मंदिर अधिकारियों के हवाले से बताया कि नारेबाजी कर रहे सैकड़ों लोगों के एक समूह ने ईंट-पत्थर फेंके। इस कारण शनि मंदिर और अन्य दो मंदिर क्षतिग्रस्त हो गए। कोतवाली पुलिस स्टेशन के प्रमुख अब्दुल करीम ने इस हमले की पुष्टि करते हुए बताया कि मंदिरों पर हमला करने वाले हमलावरों ने मंदिरों को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया। पुलिस ने कहा कि इस हमले में मंदिर को बहुत कम नुकसान हुआ है। बता दें कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले को लेकर भारत में भी राजनीतिक बहस छिड़ी हुई है।
राघव चड्ढा ने की निंदा प्रस्ताव की मांग
शुक्रवार को राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने राज्यसभा में एक प्रस्ताव पेश करते हुए बांग्लादेश के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास करने की मांग की। राघव चड्ढा ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार, हमलों पर चर्चा कराई जाए। हाल ही में इस्कॉन के संत चिन्मय दास की अवैध गिरफ्तारी जो की गई है, इसपर चर्चा की मांग की थी। उन्होंने कहा, ‘इसपर मैंने ये मांग रखने का प्रयास किया सरकार बांग्लादेश हुकूमत से क्या बात कर रही है, जब से बांग्लादेश में तख्ता पलट हुआ है, उसके बाद से हिंदुओं को सुरक्षित रखने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं, इसपर सरकार सदन में जवाब दे। साथ ही पूरा सदन एक साथ चिन्मय दास की गिरफ्तारी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव जारी करे।’
(इनपुट-भाषा)