संभल हिंसा की जांच के लिए योगी सरकार ने बनाया न्यायिक आयोग न्यायिक आयोग की तीन सदस्यीय टीम हिंसा के पीछे की वजह तलाशेगी साथ ही आयोग सरकार को सुझाव भी देगी कि दुबारा ऐसी घटना न हो
लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने संभल हिंसा की न्यायिक जांच के लिए न्यायिक आयोग बनाया है. हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस डीके अरोड़ा की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग इस बात की जांच करेगा कि संभल हिंसा सुनियोजित साजिश थी या अचानक हुई एक आम अपराधिक घटना. साथ ही आयोग हिंसा के पीछे किन लोगों की भूमिका थी ये भी पता लगाएगा. आयोग दो महीने में हिंसा की वजह का पता लगाकर राज्य सरकार को सुझाव देगा ताकि ऐसी घटनाएं दुबारा न हों .
न्यायिक आयोग में रिटायर्ड आईएएस अमित मोहन प्रसाद और यूपी के पूर्व डीजीपी एके जैन को भी शामिल्क किया गया है. आयोग इस बात का पता लगाएगा कि अगर हिंसा साजिश थी तो इसके पीछे कौन-कौन लोग थे. हिंसा से पहले, दौरान और बाद में पुलिस और जिला प्रशासन की ओर से उठाए गए कदम सही थे या नहीं. इन सभी प्रश्नों का जवाब आयोग तलाशेगा. आयोग दो महीने में घटना की वजह का पता लगाकर और ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए राज्य सरकार को सुझाव देगा.
पुलिस पर लग रहे हैं कई आरोप
गौरतलब है कि विपक्ष की तरफ से संभल हिंसा को लेकर पुलिस पर तमाम तरह के आरोप लगाये जा रहे हैं. जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से न्यायिक आयोग का गठन किया गया है. बता दें कि 24 नवंबर को जामा मस्जिद के सर्वे के खिलाफ आक्रोशित भीड़ ने जमकर पथराव, आगजनी और फायरिंग हुई थी. इस दौरान चार लोगों की मौत हुई थी, जबकि पुलिस अधीक्षक के पीआरओ और सीओ अनुज चौधरी समेत कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे.
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FIRST PUBLISHED : November 29, 2024, 08:43 IST