नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी ने भारत के स्टार पहलवान बजरंग पूनिया को चार साल के लिए निलंबित कर दिया है। उन्होंने मार्च में डोप टेस्ट के लिए अपना नमूना देने से इनकार कर दिया था। इसी वजह से नाडा को ये बड़ा फैसला लेना पड़ा है। उनका निलंबन 23 अप्रैल 2024 से शुरू होगा।
23 जून को बजरंग को भेजा गया था नोटिस
नाडा ने सबसे पहले इस अपराध के लिए बजरंग पूनिया को 23 अप्रैल को निलंबित किया था। जिसके बाद विश्व शासी निकाय UWW ने भी उसे निलंबित कर दिया था। फिर बजरंग ने निलंबन के खिलाफ अपील की थी। इसके बाद नाडा के अनुशासनात्मक डोपिंग पैनल (ADDP) ने 31 मई को इसे रद्द कर दिया था। जब तक कि नाडा ने आरोप का नोटिस जारी नहीं किया। फिर नाडा ने 23 जून को बजरंग को नोटिस दिया।
प्रतिस्पर्धी कुश्ती में नहीं होगी वापसी
पैनल का मानना है कि एथलीट अनुच्छेद 10.3.1 के तहत प्रतिबंधों के लिए उत्तरदायी है। जो 4 साल के निलंबन के उत्तरदायी है। बजरंग को पहले अस्थाई रूप से निलंबित किया गया था। ऐसे में चार का निलंबन उस दिन से शुरू होगा, जिस दिन उन्हें अधिसूचना भेजी गई थी। निलंबन का मतलब है कि बजरंग प्रतिस्पर्धी कुश्ती में वापसी नहीं कर पाएंगे और अगर वह करना चाहते हैं तो विदेश में कोचिंग की नौकरी के लिए आवेदन नहीं कर पाएंगे।
कांग्रेस पार्टी में शामिल हैं बजरंग पूनिया
बजरंग पूनिया भारत के लिए टोक्यो ओलंपिक में कुश्ती में ब्रॉन्ज मेडल जीत चुके हैं। लेकिन भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में वह शामिल थे। उन्होंने दिल्ली के जंतर-मंतर पर आन्दोलन भी किया था। बाद में वह पहलवान विनेश फोगाट के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए और उन्हें अखिल भारतीय किसान कांग्रेस का प्रभार दिया गया। वहीं विनेश हरियाणा के जुलाना से विधानसभा के चुनी गई हैं।
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