नई दिल्ली. गूगल ने एंड्रॉइड यूजर्स की सुरक्षा के लिए दो नए AI सेफ्टी टूल लॉन्च किए हैं. ये टूल फोन कॉल-आधारित धोखाधड़ी और खतरनाक ऐप्स से सुरक्षा प्रदान करने के लिए रियल-टाइम में गतिविधि मॉनिटर करते हैं. पहला टूल, “स्कैम डिटेक्शन इन फोन,” बातचीत के पैटर्न की जांच करता है ताकि संभावित धोखाधड़ी कॉल की पहचान की जा सके. दूसरा टूल, “गूगल प्ले प्रोटेक्ट रियल-टाइम अलर्ट्स,” ऐप इंस्टॉल होने के बाद उसकी बैकग्राउंड गतिविधि पर नजर रखता है और संदिग्ध ऐप्स को डिटेक्ट करता है.
गूगल ने बताया कि ये फीचर्स फिलहाल पिक्सल 6 और उससे नए मॉडल्स के लिए उपलब्ध होंगे. “स्कैम डिटेक्शन इन फोन” टूल पहले केवल अमेरिका में गूगल बीटा प्रोग्राम में शामिल यूजर्स के लिए उपलब्ध होगा और केवल अंग्रेजी भाषा की कॉल पर काम करेगा. वहीं, गूगल प्ले प्रोटेक्ट अलर्ट्स अमेरिका के बाहर भी उपलब्ध होंगे.
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यह नया स्कैम डिटेक्शन फीचर पारंपरिक कॉलर आईडी से अलग है, जो केवल नंबरों और कॉलिंग पैटर्न को ट्रैक करते हैं. इसके बजाय, गूगल का मशीन लर्निंग मॉडल कॉल की बातचीत के पैटर्न को रियल-टाइम में प्रोसेस करके यह पता लगाने की कोशिश करता है कि क्या कॉल धोखाधड़ी वाली हो सकती है. उदाहरण के लिए, यदि कॉलर बैंक से होने का दावा करके पैसे ट्रांसफर करने की बात करता है, तो यह AI मॉडल उसकी आवाज़ की जानकारी का विश्लेषण कर यह जांच सकता है कि ऐसे ही पैटर्न को पहले स्कैम में उपयोग किया गया है या नहीं.
अगर कॉल स्कैम की संभावना वाली लगती है, तो AI एक ऑडियो और हैप्टिक अलर्ट प्रदान करेगा और एक विजुअल चेतावनी भी दिखाएगा. यह फीचर डिफ़ॉल्ट रूप से बंद रहेगा और यूजर्स इसे सभी कॉल्स के लिए या केवल किसी खास कॉल के लिए चालू कर सकते हैं. गूगल ने कहा कि इस प्रक्रिया में कोई ऑडियो या ट्रांसक्रिप्शन स्टोर नहीं होता है, न ही इसे गूगल सर्वर पर भेजा जाता है.
दूसरा फीचर, गूगल प्ले प्रोटेक्ट का हिस्सा है, जो प्ले स्टोर पर खतरनाक ऐप्स की पहचान करता है. यह नया “लाइव थ्रेट डिटेक्शन” फीचर AI से संचालित है, जो संभावित खतरनाक ऐप्स पर रियल-टाइम में नजर रखता है. अगर किसी ऐप की गतिविधि संदिग्ध दिखती है, तो यह टूल यूजर को रियल-टाइम में चेतावनी देगा.
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FIRST PUBLISHED : November 14, 2024, 21:47 IST