झांसी: उत्तर प्रदेश के झांसी मेडिकल कॉलेज में 17 नवंबर की देर रात हुए अग्निकांड ने पूरे देश को दहला कर रख दिया है. जिसने भी इस घटना के बारे में सुना वह यही कह रहा है कि किसी दुश्मन को भी यह दिन ना देखना पड़े. घटना को 20 घंटे से अधिक का समय बीत चुका है. स्थितियां अब साफ हो रही हैं. झांसी के डीएम अविनाश कुमार ने कहा कि मौत का आंकड़ा 10 पार कर चुका है. प्रशासन के लिए जो सिर्फ आंकड़ा है, वह कई घरों के चिराग और अरमान थे.
बच्चे के लिए मां ने किए थे व्रत
एक मृतक बच्चे की रिश्तेदार रानी ने लोकल 18 को बताया कि यह उनकी देवरानी का पहला बच्चा था. 4 दिन पहले मोंठ में डिलीवरी हुई थी. बच्चा कुछ कमजोर था इसलिए उसे NICU वार्ड में भर्ती करवाया था. रजनी ने कहा कि इस बच्चे को पाने के लिए उनकी देवरानी ने कई व्रत किए थे. पूरे परिवार की यह इच्छा थी कि यह बच्चा बड़ा होकर पुलिस अधिकारी या शिक्षक बनेगा. अब यह सब अरमान स्वाहा हो गए हैं. हम जिंदा बच्चा लेकर आए थे और लाश लेकर जा रहे हैं.
जन्म संस्कार की जगह करना होगा क्रिया संस्कार
मृतक बच्चे के नाना ने कहा कि उनका नाती जन्म के बाद दूध नहीं पी रहा था. इसलिए उसे यहां भर्ती करवाया था. 17 नवंबर को ही शाम 4 बजे अस्पताल से फोन आया था कि आपका बच्चा बिल्कुल ठीक है. आप उसे ले जाइए. अगले दिन डिस्चार्ज कराने की योजना थी. इसके बाद वह सभी संस्कार होने थे जो नए बच्चे के होते हैं. लेकिन, अब वह सब उजड़ गया. रात 11 बजे बच्चे की मौत की जानकारी मिल गई. अब अपने नाती का अंतिम संस्कार करना पड़ेगा.
FIRST PUBLISHED : November 16, 2024, 21:15 IST