नई दिल्ली. भारत समेत पूरी दुनिया में स्मार्टफोन की मांग पिछले एक दशक में तेजी से बढ़ी है. नई-नई टेक्नोलॉजी के चलते मोबाइल फोन तेजी से अपग्रेड हो रहे हैं. इस वजह से इनकी कीमतों में भी लगातार बढ़ोतरी रही है. काउंटर प्वाइंट रिसर्च ने अपनी ग्लोबल रिपोर्ट में कहा कि अगले साल तक स्मार्टफोन के प्राइस 5 फीसदी तक बढ़ सकते हैं. कीमतों में बढ़ोतरी का सबसे बड़ा कारण एक छोटा-सा पुर्जा है जिसकी मोबाइल फोन को तैयार करने में अहम भूमिका होती है.
दरअसल प्रीमियम स्मार्टफोन में आर्टिफिशियल तकनीक का इस्तेमाल करने के लिए पावरफुल चिपसेट, मेमोरी मॉड्लयूल्स और अन्य डिवाइस की जरूरत होती है. अब चिपसेट बनाने वाली बड़ी कंपनियां निर्माण लागत बढ़ने से मार्जिन में गिरावट का सामना कर रही हैं. ऐसे में कंपनियां चिपसेट के दाम बढ़ा रही हैं जिसका सीधा असर मोबाइल फोन की कीमतों पर होगा.
चिप कंपनियों की दाम बढ़ाने की तैयारी
दुनिया की सबसे बड़ी चिपसेट बनाने वाली कंपनियां क्वालकॉम और मीडियाटेक वेफर ने प्राइस बढ़ा रही हैं. ताइवान की चिपसेट कंपनी TSMC 5 और 3 एनएम प्रोसेसर्स के दाम बढ़ा रही है. ऐसे में इंडस्ट्री के लोगों का कहना है कि चिप सेट की बढ़ती लागत का असर कंपनियां कंज्यूमर्स पर डाल सकती है. ऐसे में अगर कीमतों में 5 फीसदी की बढ़ोतरी होती है तो 20000 रुपये की कीमत वाला फोन का भाव 21000 रुपये तक जा सकता है.
दुनिया में स्मार्टफोन एवरजे प्राइस 30000 रुपये
चिप सेट की बढ़ती निर्माण लागत के चलते कंपनिया अपना बनाए रखना चाहती हैं इसलिए दाम बढ़ाना हमारे लिए जरूरी है. स्मार्टफोन इंडस्ट्री के अधिकारियों का कहना है कि नेक्स्ट जनरेशन चिप सेट, प्रीमियम स्मार्टफोन के लिए जरूरी है. चूंकि, ये सामान्य चिप सेट से 20 फीसदी महंगे होते हैं इसलिए इनके दाम बढ़ने से मोबाइल फोन की कीमतों पर असर पड़ना लाजिमी है.
बता दें कि काउंटर प्वाइंट रिसर्च ने अपने नोट में कहा है कि दुनियाभर में स्मार्टफोन का एवरेज सेल प्राइस 365 डॉलर यानी 30000 रुपये से ज्यादा होने का अनुमान है.
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FIRST PUBLISHED : November 14, 2024, 09:03 IST