शिवा की तलाश में मुंबई क्राइम ब्रांच के 4 अफसरों की टीम ने 25 दिन तक जिले में कैंप कियाबहराइच का रहने वाला शिव कुमार गौतम उर्फ़ शिवा ने भी बाबा सिद्दीकी को दो गोली मारी थी शिवा छोटे से गांव में जंगल के बीच झोपड़ी में छिपा हुआ था, जहां से वह नेपाल भागने वाला था
बहराइच. मुंबई में बाबा सिद्दीकी हत्याकांड के बाद दो शूटर्स को तो पुलिस ने दबोच लिया, लेकिन एक हत्यारा शिव कुमार गौतम उर्फ शिवा भागने में कामयाब रहा. शिवा ने भी बाबा सिद्दीकी को दो गोली मारी थी. बहराइच के रहने वाले शिवा की तलाश में मुंबई क्राइम ब्रांच के 4 अफसरों की टीम ने 25 दिन तक जिले में कैंप किया. इस दौरान बहराइच हिंसा की वजह से उन्हें दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा , लेकिन रविवार को मुंबई पुलिस ने शिवा की गिरफ्तार कर लिया.
असिस्टेंट इंस्पेक्टर अमोल माली, सब इंस्पेक्टर स्वप्निल काले और सोनास्ताब्ले विकास चवण व मंगेश सावंत ने बहराइच में 25 दिन तक कैंप किया. इस दौरान 13 अक्टूबर को भड़की हिंसा की वजह से उनके काम में रुकावट भी आई, लेकिन वे डटे रहे. गत गुरुवार को जब टीम को शिवा के बारे में पुख्ता जानकारी मिल गई तो उनकी मदद के लिए 21 अधिकारियों की टीम मीबाई से बहराइच भेजी गई, जिसके बाद रविवार को शिवा की गिरफ्तारी हुई.
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चार दोस्त कर रहे थे मदद
डीसीपी दत्ता नलवड़े ने बताया कि आरोपी शिवा मोबाइल का इस्तेमाल नहीं कर रहा था, जिसकी वजह से टीम को कोई लीड नहीं मिल रही थी. जिसकी वजह से 4 पुलिस कर्मियों की टीम शिवा के गांव भेजी गई और उसने यह पता लगाने की कोशिश की कि कौन-कौन उसका करीबी है और वह उनसे संपर्क कर सकता है. लेकिन टीम के लिए मुसीबत उस वक्त बढ़ गई जब बहराइच के महराजगंज में हिंसा भड़क गयी. क्योंकि इस दौरान जिले में इंटरनेट बंद हो गया था. लेकिन टीम ने लगातार कोशिश जारी रखी. चारों पुलिस वालों ने परिवार सहित 45 लोगों की लिस्ट बनाई. इसमें से चार लोगों अनुराग कश्यप, ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी, आकाश श्रीवास्तव एंड अखिलेन्द्र सिंह पर टीम ने खास नजर रखा. टीम को शक था कि ये चारों शिवा के टच में हैं.
जंगल में एक झोपड़ी में रह रहा था शिवा
टीम ने देखा कि पिछले कुछ दिनों से चारों बाइक से पास ही के के गांव में जा रहे थे. उन्हें शक था कि वे शिवा से ही मिल रहे थे. इसके बाद टीम ने मुंबई पुलिस से संपर्क किया. जिसके बाद 21 पुलिस कर्मियों की टीम को उनकी मदद के लिए बहराइच भेजा गया. शनिवार को टीम ने चारों को हिरासत में लिए. वे शिवा के लिए कपड़े और खाना ले जा रहे थे. जिसके बाद चारों ने पुलिस टीम को एक छोटे से गांव के जंगल में लेकर गए, जहां एक झोपडी में शिवा रह रहा था. लेकिन जब पुलिस पहुंची तो शिवा वहां नहीं था. पुलिस ने करीब 8 घंटे तक वहीं उसका इन्तजार किया. जैसे ही शिवा पहुंचा तो पुलिस ने उसे अरेस्ट कर लिया.
चार जवानों के डेडिकेशन को सराहा
जॉइंट कमिश्नर लक्ष्मी गौतम ने बताया कि शिवा की गिरफ्तारी का पूरा श्रेय उन चार पुलिसकर्मियों को जाता है कि जिन्हीने त्यौहार होने के बावजूद करीब एक महीने तक बहराइच में कैंप कर आरोपी की गिरफ्तारी को सुनिश्चित करवाया. उनके डेडिकेशन की वजह से ही आरोपी को ट्रैक किया जा सका और गिरफ्तारी हुई.
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FIRST PUBLISHED : November 11, 2024, 11:35 IST