अलीगढ़. उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे हैं. इसमें अलीगढ़ जिले की खैर विधानसभा सीट भी शामिल है. इस उपचुनाव में सियासी घमासान चरम पर है. भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और आजाद समाज पार्टी जैसे बड़े राजनीतिक दल अपने-अपने दांव लगा रहे हैं. प्रमुख राजनीतिक दलों की तैयारी की बात करें तो बीजेपी ने इस उपचुनाव में सुरेंद्र दिलेर को मैदान में उतारा है.जबकि सपा ने क्षेत्रीय मुद्दों और जाट समुदाय को ध्यान में रखते हुए चारू कैन को उम्मीदवार बनाया है. वहीं बसपा ने पिछली बार के चुनावी अनुभवों को ध्यान में रखते हुए अपनी रणनीति में सुधार किया है और डॉक्टर पहल को उम्मीदवार बनाया है.
खैर की इस सुरक्षित सीट पर लगभग 1.15 लाख जाट और 60 हजार से अधिक ब्राह्मण वोटर हैं. जबकि एससी वोटरों की कुल संख्या 1 लाख से ऊपर है. सुरक्षित सीट होने के चलते सभी पार्टियां दलित उम्मीदवार ही देती हैं. ऐसे में गैर-दलित वोटरों का रुख नतीजे तय करने में अहम भूमिका निभाता है. यहां 35 हजार से अधिक वैश्य और 30 हजार के करीब मुस्लिम वोटर हैं. मुस्लिम वोटर चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाता है ऐसे मे सवाल यह उठता है कि आखिर मुस्लिम वोटर्स किस तरफ जाएगा. इस उपचुनाव मे क्या होंगे मुस्लिम वोटर्स के मुद्दे. इन्हीं सवालों के जवाब जानने के लिए लोकल 18 की टीम ने मुस्लिम धर्मगुरुओं से बात की.
मुसलमानों के साथ हुआ छल
मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना उमर खान ने बताया कि मेरा मानना है कि मुसलमान के साथ कहीं ना कहीं छल हुआ है. राजनीतिक दल हमेशा मुसलमानों का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन जो उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ खैर विधानसभा सीट है जिस पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी ने जातीय समीकरण को देखते हुए चारु कैन को उतारा है. वह बिल्कुल सही उतारा है. क्योंकि वह जाटव समाज से हैं और उनके जो पति है वह जाट समाज से हैं. जिसका उन्हें बड़ा फायदा होगा. खैर विधानसभा सीट को जाट लैंड भी कहा जाता है. इस सीट पर लगभग 1.15 लाख जाट मतदाता हैं.
जाट, जाटव और मुस्लिम का समीकरण
मौलाना उमर खान ने कहा कि जहां तक सवाल मुस्लिम मतदाताओं का सवाल है तो आपको बता दूं कि हमेशा की तरह इस बार भी मुस्लिम समाज समाजवादी पार्टी की तरफ है. भाजपा से मुस्लिम समाज खुश नहीं है. इसीलिए इस बार समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी चारु कान को जाट, जाटव और मुस्लिम मतदाताओं का पूरा सहयोग रहेगा.
मुसलमानों को किया जा रहा टारगेट
मौलाना उमर खान ने कहा कि इस बार उपचुनाव में मुसलमानों का सबसे बड़ा मुद्दा सुरक्षा है. वह अपने आप को असुरक्षित महसूस करता है. मुसलमानों को लगता है कि कहीं ना कहीं वह महफूज नहीं है. मौजूदा सरकार मुसलमानों को टारगेट करती है. आप देख रहे होंगे कि किस प्रकार से मुसलमान को हर जगह अपमानित करने का काम किया जा रहा है. मुसलमानों की मस्जिदें भी सुरक्षित नहीं है. इस बार चुनाव में मुस्लिम मतदाता वहीं जाएगा जहां वह अपने आप को सुरक्षित महसूस करता है. इस हिसाब से मुसलमान हर बार की तरह इस बार भी समाजवादी पार्टी को ही सहयोग करेंगे.
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FIRST PUBLISHED : November 7, 2024, 19:02 IST