आजमगढ़: सहारा इंडिया में फंसे निवेशकों की चिंता लगातार बढ़ती जा रही है. सैकड़ों लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई का एक बड़ा हिस्सा सहारा इंडिया में निवेश किया था. सहारा में लोगों ने इस सोच और उम्मीद के साथ पैसा जमा किया था कि उनकी जमा की गई पूंजी भविष्य में बच्चों की पढ़ाई, शादी-ब्याह और बुढ़ापे के समय काम आएगी. यहां सहारा इंडिया में निवेश किए गए पैसे उनका सहारा तो बने नहीं बल्कि उन्हें और बेहसारा करके चले गए. अपनी मेहनत की कमाई के ऐसे सरेआम डूब जाने पर लोग गहरी चिंता और तनाव में हैं. कई लोग कर्जदार हो गए हैं. लोग आज भी इस आश में बैठे हैं कि सरकार उनकी मेहनत की कमाई को डूबने नहीं देगी और उन्हें उनकी जमा पूंजी वापस मिलेगी.
आजमगढ़ जिले में भी सैकड़ों ऐसे लोग हैं जिन्होंने अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा सहारा इंडिया में निवेश किया था कि भविष्य में यह पैसे उनके बुढ़ापे का सहारा बनेंगे. ऐसे हजारों लोगों की उम्मीदों पर तब पानी फिर गया जब सहारा इंडिया के डूबने की खबर आई. मानो उनके जीवन की आधी कमाई ही पल भर में समाप्त हो गई.
आजमगढ़ के किसन की सहारा में डूबी कमाई
आजमगढ़ जिले के सिधारी थाना क्षेत्र के निवासी पतरू राम विश्वकर्मा पेशे से एक किसान हैं. उन्होंने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि उनका लगभग ₹8 लाख सहारा इंडिया में फंसा हुआ है. उन्होंने 2011 में इस कंपनी में पैसा निवेश करना शुरू किया था. उन्होंने अपनी कमाई के अनुसार छोटी-छोटी किस्तों में सहारा में पैसा निवेश किया था. पॉलिसी के अनुसार समय अवधि पूरी हो गई और उन्हें यह उम्मीद थी की उन्हें जब पैसे मिल जाएंगे तो वह उस पैसे से अपनी बेटी की शादी कर सकेंगे लेकिन उनकी सारी उम्मीदें अब धीरे-धीरे खत्म होने लगी हैं. अथक प्रयास और जद्दोजहद के बाद भी उनके पैसे मिलने की उम्मीद खत्म हो रही है.
पतरू राम विश्वकर्मा ने खेती किसानी से जुटाई गई मेहनत की कमाई सहारा इंडिया में फंसी हुई है, ऐसे में उनके साथ-साथ उनके बच्चों का भविष्य भी अधर में लटका हुआ है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के द्वार सहारा इंडिया में लोगों के फंसे पैसे को निकलवाने की एक कवायत शुरू की गई थी. इसके बाद उन्हें उम्मीद नजर आने लगी. उन्हें लगा कि शायद उनका पैसा वापस मिल जाए, लेकिन उनकी यह उम्मीद भी अब धीरे-धीरे समाप्त होने लगी है.
सरकार द्वारा सहारा इंडिया में लोगों के फंसे पैसे को निकलवाने के लिए एक मुहिम शुरू की गई जिसके लिए पीड़ितों ने बढ़-चढ़कर आवेदन भी किया लेकिन आवेदन करने के बाद आज तक उसपर कोई निर्णायक कार्रवाई नहीं हो सकी. उन्होंने बताया कि बच्चों की पढ़ाई लिखाई और बेटियों की शादी के लिए उन्होंने सहारा इंडिया में पैसा निवेश किया था लेकिन जब उन्हें उन पैसों की जरूरत पड़ी तो वह पैसे उन्हें नहीं मिल सके. इससे उन्हें अपने रिश्तेदारों से कर्ज लेना पड़ा जिसे चुकाने में उन्हें अब कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि पैसा वापस पाने के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई मुहिम के तहत उन्होंने आवेदन भी किया था लेकिन उसका भी अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका है.
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FIRST PUBLISHED : November 6, 2024, 21:08 IST