वाशिंगटनः पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड इस बार अपनी पार्टी रिपब्लिकन के लिए “ट्रंप” साबित हुए। जबकि 78 वर्षीय ट्रंप को उनके तमाम विरोधी और यहां तक की पार्टी के लोग भी अब रिटायर्ड मानकर चल रहे थे। मगर ट्रंप ने अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में न सिर्फ दोबारा जीत दर्ज की, बल्कि ऐतिहासिक वापसी करके दुनिया के इतिहास में अपना नाम दर्ज करा दिया। अमेरिका में 132 साल बाद कोई पूर्व राष्ट्रपति चुनाव जीता है। हालांकि अगर वह 2020 में जीत गए होते तो यह इतिहास नहीं बनता, क्योंकि तब ट्रंप पूर्व राष्ट्रपति नहीं थे।
साल 2020 में जो बाइडन से राष्ट्रपति चुनाव हारने के बाद ट्रंप काफी मायूस और खिन्न हो गए थे। इसके कुछ हफ्तों बाद उनके समर्थकों की एक हिंसक भीड़ ने यूएस कैपिटल (अमेरिकी संसद भवन) पर धावा बोल दिया था। बाद में इसे रिपब्लिकन नेता के राजनीतिक करियर का अंत माना जाने लगा था। हालांकि, ठीक चार साल बाद, ट्रंप (78) ने व्हाइट हाउस में दूसरा कार्यकाल सुनिश्चित कर अमेरिका के इतिहास में अभूतपूर्व और जोरदार राजनीतिक वापसी करके सबको चौंका दिया है।
अपनी ही पार्टी में आरंभ में चुनौतीपूर्ण हो गई थी दावेदारी
रिपब्लिकन पार्टी की ओर से 2024 का उम्मीदवार बनने के लिए भी ट्रंप की कड़ी चुनौतियों से गुजरना पड़ा था। विवेक रामास्वामी और निकी हेली से ट्रंप को रिपब्लिकन उम्मीदवार बनने के लिए आरंभ में कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था, लेकिन आखिरकार ट्रंप सब पर भारी पड़ गए और 2024 के लिए फिर से सबसे मजबूत रिपब्लिकन उम्मीदवार बनकर उभरे। ट्रंप ने वाशिंगटन हाउस तक का दोबारा सफर ऐसे वक्त में तय किया है, जब वह भी, एक गंभीर अपराध के मामले में दोषी करार दिये गए थे और पेन्सिलवेनिया की रैली में उनकी हत्या की दो नाकाम कोशिशें की गई।
ट्रंप और हैरिस के बीच इतिहास के सबसे रोमांचक मुकाबले की थी उम्मीद
अमेरिका के ज्यादातर सर्वेक्षणों में हैरिस और ट्रंप के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही थी। मगर ट्रंप ने आखिरकार हैरिस को हरा दिया। हालांकि ट्रंप और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के बीच कड़े मुकाबले का नतीजा अब तक आधिकारिक रूप से घोषित नहीं किया गया है, लेकिन रिपब्लिकन नेता के व्हाइट हाउस में लौटने की तस्वीर लगभग साफ हो गई है। ट्रंप को 270 इलेक्टोरल मतों वाले सीनेट में 277 वोटों का बहुमत हासिल हो चुका है। जबकि कमला हैरिस 224 पर ही अटक गई हैं।
अमेरिका के इतिहास में सबसे बड़ी राजनीतिक वापसी
राजनीतिक विश्लेषक अनंग मित्तल ने कहा, ‘‘यह अमेरिकी इतिहास में यह सबसे बड़ी राजनीतिक वापसी में से एक है।’’ मार्च में, ट्रंप को उनकी पार्टी की ओर से प्रत्याशी नामित किया गया और कई अदालती मामलों के कारण ट्रंप के महीनों तक राजनीतिक वनवास में रहने के बाद जुलाई में रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन (आरएनसी) में इस पर मुहर लगाई गई। असल में, एक गंभीर अपराध में दोषी करार दिये जाने के बाद शीर्ष पद के लिए नामांकन पाने वाले वह पहले पूर्व राष्ट्रपति बन गए। ट्रंप अब भी चार आपराधिक अभियोगों का सामना कर रहे हैं और फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि इन मुकदमों का क्या होगा।
2021 में महाभियोग का सामना करने से बचे
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 2021 में महाभियोग का सामना करने की सुनवाई से भी बच गए, जो उनके बरी होने के साथ समाप्त हो गई। जुलाई में, पेन्सिलवेनिया में एक रैली के दौरान उन पर गोली चली, जो उनके कान के ऊपरी हिस्से को छूते हुए निकल गई। इसके कुछ ही मिनटों बाद, ट्रंप ने हमले के विरोध में अपनी मुट्ठी बांधी और ये तस्वीरें देखकर उनके कट्टर समर्थकों ने उन्हें भावनात्मक समर्थन दिया। मित्तल ने कहा, ‘‘वह मुश्किल परिस्थिति से उबरे हैं।’’ अपनी जीत आसन्न दिखने पर ट्रंप ने फ्लोरिडा में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हम अपने देश को उबरने में मदद करने जा रहे हैं।’’ ट्रंप ने सावधानीपूर्वक अपने चुनाव प्रचार अभियान के संदेशों को तैयार किया, जिसमें अर्थव्यवस्था को पटरी पर वापस लाने और अमेरिका को अवैध प्रवासियों से मुक्त करने का वादा किया गया।
पूरे प्रचार अभियान के दौरान, ट्रंप ने अपनी डेमोक्रेट प्रतिद्वंद्वी कमला हैरिस के खिलाफ आक्रामक बयानबाजी जारी रखी, जिस बारे में कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मध्यम वर्ग के मतदाताओं के बीच इसका काफी प्रभाव पड़ा। विश्लेषकों ने बढ़ती मुद्रास्फीति और महंगाई को अमेरिकियों के जीवन को प्रभावित करने वाले दो प्रमुख मुद्दे बताए हैं। (भाषा)