गाजियाबाद: दीपावली के बाद प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ा है. इससे हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर तक पहुंच चुकी है. इसके चलते लोगों में फेफड़ों से संबंधित समस्याएं भी बढ़ी हैं. गाजियाबाद के सरकारी और निजी अस्पतालों में विशेष रूप से पल्मोनरी डिपार्टमेंट में मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी, प्रदूषण के कारण गंभीर बीमारियां
डॉ. नेहा गुप्ता, पल्मोनरी विशेषज्ञ ने बताया कि हाल के दिनों में सांस लेने में तकलीफ, खांसी, अस्थमा और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) के मरीजों में अचानक वृद्धि हुई है. प्रदूषण के चलते कई लोग अस्पताल आ रहे हैं जिनके फेफड़ों की स्थिति पहले से खराब हो गई है. डॉक्टर नेहा ने बताया कि बुजुर्गों और बच्चों में इस समस्या का असर अधिक देखा जा रहा है.
सबसे ज्यादा देखी जाने वाली समस्याएं
प्रदूषण के कारण मुख्यतः सांस लेने में दिक्कत, छाती में जकड़न, गले में खरास और आंखों में जलन जैसी समस्याएं लोगों में देखी जा रही हैं. डॉक्टरों का कहना है कि फेफड़ों से संबंधित मरीजों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए और बाहर निकलने से बचना चाहिए. खासकर सुबह और शाम के समय ना निकलें जब प्रदूषण का स्तर अधिक होता है.
डॉ. नेहा गुप्ता द्वारा प्रदूषण से बचने के लिए दिए गए आवश्यक टिप्स.
1. N95 मास्क का उपयोग: प्रदूषण से बचने के लिए N95 मास्क का उपयोग करें, जिससे हवा में मौजूद हानिकारक कणों से सुरक्षा मिलती है.
2. घर के अंदर ही रहें: प्रदूषण के स्तर को देखते हुए अधिकतर समय घर के अंदर रहें, विशेष रूप से बच्चे, बुजुर्ग और अस्थमा के मरीज.
3. एयर प्योरिफायर का प्रयोग: घर में एयर प्योरिफायर लगाएं, जो हानिकारक कणों को फ़िल्टर कर हवा को शुद्ध बनाए रखता है.
4. पौधों का उपयोग: घर के अंदर तुलसी, ऐलोवेरा और स्नेक प्लांट जैसे पौधे लगाएं जो हवा को शुद्ध करने में मदद करते हैं.
5. तरल पदार्थों का सेवन: अधिक पानी पिएं और विटामिन सी युक्त फल और सब्जियों का सेवन करें जिससे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.
डॉ. ने सलाह दी कि नागरिकों को इन उपायों को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए ताकि प्रदूषण के दुष्प्रभावों से बचा जा सके.
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FIRST PUBLISHED : November 5, 2024, 22:19 IST