Chana Jor Garam: मोमोज और पास्ता आजकल खूब खाया जा रहा है. लेकिन अगर आपने सालों पहने खूब खाया जाने वाले स्नैक्स खा लिया, तो बाकी सारे स्नैक्स को भूल जाएंगे. बलिया के गलियों में लोकल 18 को मिला चनाचूर गरम बेचने वाला. हारमोनियम की धुन पर वही पुराना गीत- “चना जोर गरम बाबू मलाई मजेदार” – शादी विवाह में गा-गाकर मनोरंजन करते हुए प्रस्तुत किया जाता है. .
विक्रेता कालिका ने बताया कि वो गाजीपुर के रहने वाले हैं. फिलहाल वो बलिया जिले के बेदुआ मोहल्ले में रहकर चना जोर गरम बेचने का कारोबार 3 साल से कर रहे हैं. इस व्यंजन को लेकर लोगों का अच्छा रिस्पांस मिलता है.
कैसे बनता है चना जोर गरम
चना जोर गरम बनाने की बात करें तो खर्चा तो बहुत कम आता है लेकिन इसको बनाने में बड़ी मेहनत करनी पड़ती है. शाम के समय चने को पानी में भिगो दिया जाता है. सुबह छानकर एक-एक चलने को पत्थर से कूटना पड़ता है, उसके बाद तेल में तला जाता है. इसे ही चना जोर गरम कहते हैं.
इसके साथ कटा हुआ प्याज, हरा मिर्च, नींबू, चने की सब्जी, मक्के की पपड़ी, लाई (मूरी) इत्यादि तमाम चीजें इसके इसके ऊपर डालकर खूब अच्छे से मिलाकर और कागज के दोने में खाने के लिए ग्राहकों को दिया जाता है. यह बहुत स्वादिष्ट एक व्यंजन है. जिसे खाने के बाद दिमाग की बत्ती जल जाती है. इसमें नुकसानदायक पदार्थ नहीं डाले जाते हैं.
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खाते ही हो जाएगी पुरानी यादें ताजा
आज भी चना जोर गरम वाले शाम के समय प्रकाश के लिए ढ़िवरी का प्रयोग करते हैं, जो प्राचीन काल की यादों को ताजा करती है. जब लाइट की व्यवस्था नहीं होती थी तो लोग ढिबरी, दीया और लालटेन जलाकर अपना काम करते थे.
स्वाद होता है कमाल
आज बेशक शहरों में चना जोर गरम देखने के लिए नहीं मिलता है. लेकिन ग्रामीण इलाकों में आज भी इस स्नैक्स को बेचा और खाया जाता है.
FIRST PUBLISHED : November 5, 2024, 12:11 IST