लखीमपुर खीरी: अक्टूबर और नवंबर का महीना सरसों की खेती के लिए सबसे अच्छा माना गया है. ऐसे में जो भी किसान सरसों की खेती करने की तैयारी कर रहे हैं. रबी में सरसों की फसल एक प्रमुख तिलहन फसल है. क्योंकि सरसों की खेती किसानों के लिए काफी लोकप्रिय और फायदे की खेती है. क्योंकि इस फसल को तैयार करने में ज्यादा सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है.
इस खेती में होती है तगड़ी कमाई
सरसों की फसल कम लागत में आसानी से की जा सकती है. इसके अलावा रबी सीजन आते ही अगेती सरसों की खेती शुरू हो जाती है. अगेती सरसों की किस्म की बुआई अक्टूबर के महीने की शुरुआत से दूसरे पखवाड़े तक की जाती है. वहीं, कुछ किसानों के खेत समय से खाली नहीं हो पाते हैं, तो किसान नवंबर माह में सरसों की बुवाई प्रारंभ करते हैं और उन्हें अच्छा मुनाफा भी होता है.
वहीं, दूसरी ओर सरसों की खेती करने के लिए प्रदेश सरकार की ओर किसानों को बीज भी उपलब्ध कराए जाते हैं. अगर आप सरसों की खेती करना चाहते हैं ओर आप अच्छे बीज का चयन करना चाहते हैं.
कृषि विज्ञान केंद्र के एक्सपर्ट ने बताया
कृषि विज्ञान केंद्र जमुनाबाद में तैनात एक्सपर्ट डॉ प्रदीप बिसेन बताते हैं कि सरसों की खेती करने के लिए सबसे पहले बीज की आवश्यकता होती है और अगर आप सही बीज का चयन कर लेते हैं तो पैदावार भी अधिक होती है. सरसों का बीज (CS60 ) आपको बाजारों व राजकीय कृषि बीज भंडार पर मिल जाएगा और आप खेतों में बुवाई कर लाखों रुपए कमा सकते हैं.
1 हेक्टेयर में होगा 25 कुंतल का उत्पादन
इस सरसों का उत्पादन 20 से 25 कुंतल प्रति हेक्टेयर हो जाता है. जहां पौधों की लंबाई अच्छी होती है. फलियों की संख्या अन्य किस्मों से ज्यादा होती है. हर फली में बीजों की संख्या ज्यादा होती है. इसीलिए पैदावार अधिक होती है. वहीं, बाजारों में तिलहन की डिमांड साल भर रहती है.
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FIRST PUBLISHED : November 3, 2024, 11:36 IST