बस्ती: बस्ती जनपद के हर्रैया तहसील में स्थित औरातोंदा का झारखंड बाबा मंदिर एक अद्भुत धार्मिक स्थल है, जहां भगवान शिव और माता पार्वती के स्वयं भू स्वरूप की पूजा होती है. यह मंदिर त्रेता युग से जुड़ा हुआ है और इसके पीछे एक रोचक इतिहास है. मंदिर के पुजारी राम चरित्र गोस्वामी बताते हैं कि पहले इस स्थान पर एक विशाल जंगल था, तब यहां के लोग पत्तों की थालियों में भोजन करते थे. पत्ते तोड़ने के लिए आए लोगों ने एक पत्थर जैसी वस्तु देखी, जिसे बाद में धार्मिक जानकारों ने शिवलिंग के रूप में पहचाना.
राजा ने कराया मंदिर का निर्माण
मंदिर के पुजारी राम चरित्र गोस्वामी लोकल 18 से बातचीत में बताते हैं कि जब बस्ती के राजा को इस शिवलिंग के बारे में जानकारी मिली, तो उन्होंने इसे अपने महल ले जाने का निश्चय किया. खुदाई के दौरान, शिवलिंग नीचे जाने लगा, जिससे राजा ने खुदाई बंद करने का निर्णय लिया. फिर वहीं उन्होंने एक छोटा सा मंदिर का निर्माण कराया. मंदिर के पास स्थित बरगद का पेड़ भी माता पार्वती की उपस्थिति का प्रतीक माना जाता है. पुजारी राम चरित्र बताते हैं कि यहां हर सोमवार को जलाभिषेक के लिए हजारों भक्त आते हैं, जो इस स्थान की पवित्रता को दर्शाता है.
प्रभु राम का इस मंदिर से संबंध
इस मंदिर का प्रभु राम से भी विशेष संबंध है. पुजारी राम चरित्र के अनुसार, जब प्रभु राम अपने वनवास के दौरान यहां से गुजर रहे थे, तब उन्होंने इस शिवलिंग की पूजा-अर्चना की थी. यह घटना इस स्थान को और भी पवित्र बनाती है और भक्तों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है.
अनूठी मान्यताएं
मंदिर के पुजारी राम चरित्र गोस्वामी लोकल 18 से बातचीत में बताते हैं कि पास के गांव के निवासी लालता प्रसाद को एक फर्जी मामले में फंसाया गया था और उन्हें फांसी की सजा का सामना करना पड़ा. उन्होंने इस मंदिर में आकर प्रार्थना की और अपनी मुक्ति के लिए मन्नत मांगी. चमत्कारिक रूप से वह केस से मुक्त हो गए और इसके बाद उन्होंने मंदिर का पुनः निर्माण कराया, जिससे इस स्थल का महत्व और बढ़ गया.
विशाल मेले का आयोजन
मंदिर परिसर में विशेष अवसरों पर मेला भी लगता है, विशेषकर तेरस और महाशिवरात्रि के दौरान. इन अवसरों पर लगभग दो लाख लोग जलाभिषेक के लिए आते हैं, जिससे मंदिर परिसर में इतनी भीड़ होती है कि खड़े होने की जगह नहीं मिलती. यह दृश्य श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक है वहीं ग्रामीण सुनील गौतम बताते है कि मेले में जिले के प्रत्येक बाजार से दुकानें आती है. और लाखों भक्तों का जमावाड़ा लगा रहता है.
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FIRST PUBLISHED : November 3, 2024, 09:27 IST
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