चित्रकूट : धर्मनगरी चित्रकूट में आज से 2 दिवसीय लगने वाले गधे मेले की शुरुआत हो गई. इस मेले में दूरदराज से लोग गधे लेकर मंदाकिनी नदी के तट में आते हैं और वहां फिल्मी स्टारों के नाम से गधों की बोली लगाते हैं. दीपावली के दूसरे दिन परीवा से 2 दिन के यह बाजार लगता है जिसमें देश के अलग-अलग राज्यों से ही नहीं विदेश से भी व्यापारी व खरीदार आते हैं. इस साल भी बिकने के लिए करीब 2000 से अधिक अच्छी नस्ल के गधों व खच्चरों के आने का अनुमान है.
गौरतलब है कि भारत का इकलौता गधों का मेला धर्म नगरी चित्रकूट में मंदाकिनी नदी के पास वर्षों लगता आ रहा है. यहां अलग-अलग प्रदेशों से व्यापारी खच्चर-गधे लेकर चित्रकूट पहुंचते हैं.यहां खच्चरों-गधों की बोली-बोली जाती है. मेले में गधे व खच्चर की बिक्री व खरीद के लिए उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, उत्तराखंड के अलावा नेपाल से व्यापारी आते हैं.
मेले का इतिहास
वहीं मेले के आयोजक रमेश पांडे बताते है की यह बहुत ही ऐतिहासिक मेला है और औरंगजेब के शासनकाल से लगता चला आ रहा है. तपोभूमि में गधा मेला की शुरूआत मुगल काल में हुई थी. मुगल शासक औरंगजेब ने जब तपोभूमि चित्रकूट पर चढ़ाई की थी तो रामघाट स्थित शिव मंदिर में राजाधिराज मत्तगजेंद्रनाथ के शिवलिंग को तोड़ना चाहा था, जिससे उनकी पूरी सेना बीमार पड़ गई थी. तमाम सैनिकों व घोड़ों की मौत भी हो गई थी. सैन्य बल में घोड़ों की कमी को पूरा करने लिए औरंगजेब ने यहां पर गधा मेला (बाजार) लगाया था. अफगानिस्तान से व्यापारी अच्छी नस्ल के खच्चर लेकर आए थे. तब से यह परंपरा चल रही है
फिल्मी सितारों के नाम पर गधों की बोली
चित्रकूट में औरंगजेब के जमाने से चले आ रहे ऐतिहासिक गधे मेले में सलमान खान,शाहरुख़ ख़ान, बसंती, सैफ, सहित अन्य नामों के गधे लोगो के लिए आकर्षण का केंद्र रहे हैं. मेले के आयोजक रमेश ने बताया कि इस बार इस मेले में सबसे महंगा सलमान खान 185000 ,शाहरुख़ ख़ान1 लाख 25 हजार, बसंती 80 हजार भी बिकी है. उन्होंने बताया कि इस मेले में गधे फिल्म स्टारों के नाम से बेचे जाते हैं.इस बार मेले में लगभग 500 जानवर आए हुए है.
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FIRST PUBLISHED : November 1, 2024, 14:54 IST