शाहजहांपुर: वैसे हिन्दू धर्म में उल्लू को अशुभ माना जाता है. लेकिन यूपी के शाहजहांपुर में छोटी दीपावली पर उल्लू की विशेष पूजा की जाती है. इस बार उल्लू की पूजा विश्व मे चल रहे युद्ध को रोकने और युद्ध करने और करवाने वाले राष्ट्रीय अध्यक्षों को सद्बुद्धि देने और युद्ध में फंसे आम लोगों की रक्षा के लिए की गई. खास बात ये है कि ये उल्लू पूजन पृथ्वी संस्था से जुड़े डिग्री कालेज के प्रोफेसर करते है.
पृथ्वी संस्था के डायरेक्टर डॉक्टर विकास खुराना ने बताया कि यह संस्था पिछले 14 सालों से उल्लू पूजन के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को लेकर लगातार काम कर रही है. छोटी दीपावली के दिन उल्लू पूजन करती है. कॉलेज के प्रोफेसर पहले उल्लू की पूजा करते हैं .उसके बाद प्रतिकात्मक उल्लू को नंगे पांव जाकर नदी में प्रवाहित करते है. दिवाली के दिन उल्लू पूजन कर रहे पृथ्वी संस्था के ये डिग्री कॉलेज के प्रोफेसर हैं. जो हर साल देश या फिर प्रदेश की किसी भी बड़ी समस्या के लिए उल्लू पूजन करते है.
युद्ध रोकने के लिए किया गया पूजन
आज छोटी दिवाली पर ये उल्लू पूजन मिडिल ईस्ट में इजराइल-हमास युद्ध और रूस-यूक्रेन में चल रहे युद्ध करने और करवाने वाले लोगों को सद्बुद्धि देने के लिए की गई है. संस्था का कहना है कि युद्ध से आर्थिक हानि तो होती ही है साथ ही बड़े पैमाने पर जनहानि भी होती है. बेकसूर महिलाएं और बच्चे अपनी जान गवा रहे हैं.
अधिकारियों को दें सद्बुद्धि
पृथ्वी संस्था के संरक्षक डॉ. अनुराग अग्रवाल ने कहा कि उल्लू पूजन में प्रदेश के नेताओं और अधिकारियों को भी सद्बुद्धि देने के लिए पूजा की गई है. संस्था का कहना है कि विकास के नाम पर शहर की सड़कों का सबसे बुरा हाल है, लोग बेहद परेशान है. इस पूजन में एक ईंट पर उल्लू का फोटो रखकर उसका आंशिक पूजन किया जाता है. पूजन के बाद उल्लू को नंगे पांव शाहजहांपुर के छोर पर बहने वाली गर्रा नदी में प्रवाहित करते है. ताकि देश विदेश में होने वाले किसी भी विनाश को बचाया जा सके.
FIRST PUBLISHED : October 30, 2024, 22:02 IST