कुशीनगर: जहां बरसे थे पत्थर, वहां अब बरस रहे हैं फूल. यह कहानी नहीं हकीकत है. इस कहानी की पटकथा शुरू होती है कुशीनगर के पडरौना शहर से जहां दशहरा के दौरान दुर्गा प्रतिमा पर पत्थर बाजी हुई. आज उसी जगह मां लक्ष्मी की प्रतिमा पर पुष्प बरसाए जा रहे हैं. पड़रौना कोतवाली के छावनी मुहल्ले में रहने वाले मुस्लिम भाइयों ने मुहल्ले से गुजर रही मां लक्ष्मी की प्रतिमा पर फूल बरसाया और प्रतिमा ले जा रहे लोगों का माला पहना कर और गुलाब का फूल देकर स्वागत किया.
आपको बताते चलें कि दशहरे के दौरान इसी छावनी मुहल्ले में मुस्लिम समुदाय के एक वर्ग और दुर्गा प्रतिमा ले जा रहे हिंदू समुदाय के कुुछ लोगों के बीच डीजे पर गाना बजाने को लेकर शुरू हुई मारपीट पत्थरबाजी तक पहुंच गई. आज उसी स्थान का नजारा कुछ अलग था. आज मुस्लिम समाज के लोग लक्ष्मी प्रतिमा पर पुष्प की वर्षा कर रहे थे.
कुशीनगर में पिछले कुछ दिन हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे के लिए अच्छे नहीं रहे. दशहरे के समय जहां एक तरफ पडरौना में दुर्गा प्रतिमा ले जा रहे लोगों से मारपीट और पथराव हुआ तो वहीं कप्तानगंज इलाके में बच्चों के विवाद में दोनों समुदाय आमने सामने आ गए. ऐसा लगने लगा मानो कुशीनगर को किसी की नजर लग गई हो. हालांकि, इन घटनाओं के बाद आज गंगा-जमुनी तहजीब की झलक देखने को मिली. दोनों धर्मों के संभ्रांत लोगों ने एक साथ खड़े होकर एकजुट और निर्विवाद भारत के निर्माण का संकल्प लिया.
छावनी मुहल्ले में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एकत्र होकर ऐसा काम किया जो एक भारत श्रेष्ठ भारत के निर्माण में मील का पत्थर साबित होगा. देश में अमन चैन की चाहत रखने वालों के लिए ये तस्वीर निश्चित रूप से बेहद खास है और जरूरी है.
FIRST PUBLISHED : October 29, 2024, 21:08 IST