अभिषेक जायसवाल/वाराणसी: धनतेरस का पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाते हैं. यह दिन माता लक्ष्मी, कुबेर देवता और आयुर्वेद के भगवान धन्वंतरि की पूजा के लिए विशेष होता है. इस बार धनतेरस का महापर्व 29 अक्टूबर को है और इस दिन कई ग्रहों का अद्भुत महासंयोग भी बन रहा है. काशी के ज्योतिषियों का दावा है कि 100 साल बाद धनतेरस पर ऐसा संयोग बन रहा है, जो इस दिन को और भी शुभ बना रहा है. ज्योतिषी स्वामी कन्हैया महाराज ने बताया कि इस बार धनतेरस के दिन पांच अद्भुत महासंयोग बन रहे हैं. 29 अक्टूबर को धनतेरस के दिन इंद्र योग, त्रिपुष्कर योग, वैधृति योग और लक्ष्मी नारायण योग के साथ फाल्गुनी नक्षत्र का अद्भुत महासंयोग बन रहे हैं. 100 साल बाद धनतेरस के दिन यह सभी संयोग बने हैं. ऐसे में यह दिन माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए और भी खास हो जाता है.
पूरे दिन शुभ योग
वैदिक पंचांग के अनुसार 29 अक्टूबर को सुबह 7 बजकर 48 मिनट तक इंद्र योग है. इसके अलावा इस दिन सुबह 10 बजकर 31 मिनट तक त्रिपुष्कर योग भी है. वहीं धनतेरस के दिन वृश्चिक राशि में शुक्र और बुध एक साथ विराजमान होकर लक्ष्मी नारायण योग भी बना रहे हैं, जो बेहद ही शुभ है.
इस समय में करें पूजा
स्वामी कन्हैया महाराज ने बताया कि इस दिन शाम को 5 बजकर 48 मिनट से 7 बजकर 54 मिनट के बीच यदि माता लक्ष्मी की पूजा घर में की जाएं, तो पूरे साल भक्तों पर उनकी कृपा बरसती रहेगी.
खरीदारी का है विशेष महत्व
बताते चलें कि धनतेरस के दिन सोना चांदी के साथ बर्तन खरीदारी का अपना विशेष महत्व है.धार्मिक मान्यता है कि इससे भी माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है.इस दिन झाड़ू की खरीदारी करना भी बेहद शुभ माना जाता है.
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FIRST PUBLISHED : October 28, 2024, 08:43 IST
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