लखीमपुर खीरी: यूपी के किसानों के लिए अक्टूबर का महीना गन्ने की बुवाई का सबसे उपयुक्त समय माना जाता है. इसी महीने किसान शरदकालीन गन्ने की बुवाई करते हैं, जिससे बेहतर उत्पादन की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. चीनी मिलों को भी अक्टूबर में उगाए हुए गन्ने की खरीदारी करना अधिक फायदेमंद लगता है, इसीलिए किसान अक्टूबर में ही इसकी बुवाई पर जोर देते हैं.
जमुनाबाद कृषि विज्ञान केंद्र के एक्सपर्ट डॉ. प्रदीप कुमार बिसेन का कहना है कि यदि किसान गन्ने की सही किस्म चुनकर उसकी बुवाई में सही विधि अपनाते हैं, तो उनका उत्पादन 20% तक बढ़ सकता है. डॉ. बिसेन के अनुसार, बुवाई से पहले गन्ने के बीज को ट्राइकोडर्मा से संशोधित करना चाहिए, जिससे फसल को अधिक पैदावार देने में मदद मिलती है.
ट्रेंच विधि का फायदा
ट्रेंच विधि, जिसे नाली विधि के रूप में भी जाना जाता है, किसानों को सामान्य तरीकों की तुलना में अधिक उत्पादन देती है. इसमें गन्ने की बुवाई के लिए खेत में गहरी नालियां खोदी जाती हैं, जिसमें बीजों की रोपाई की जाती है. यह विधि फसल की पानी की आवश्यकता को कम कर देती है, जिससे सिंचाई की लागत भी कम हो जाती है.
उत्पादन में बड़ा अंतर
सामान्य विधि से गन्ने की खेती करने पर किसान प्रति हेक्टेयर 60-70 टन उत्पादन प्राप्त करते हैं, जबकि ट्रेंच विधि से यही उत्पादन 90-100 टन तक पहुंच सकता है. उदाहरण के लिए, यदि कोई किसान एक हेक्टेयर में 70 टन गन्ना उगाता है, तो ट्रेंच विधि से वह 90 से 100 टन तक उत्पादन प्राप्त कर सकता है.
किसानों के लिए फायदेमंद उपाय
डॉ. बिसेन की सलाह मानकर किसान रेजर और ट्रेंच विधि को अपनाकर न केवल अपनी उपज को बढ़ा सकते हैं बल्कि उत्पादन की लागत में भी कटौती कर सकते हैं. इस विधि से लखीमपुर के किसानों को अधिक लाभ मिलने की उम्मीद है, जिससे उनकी आय में भी सुधार हो सकता है.
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FIRST PUBLISHED : October 27, 2024, 15:26 IST