आनंद: एन्ड्रोग्राफिस पैनिक्युलेटा, जिसे आमतौर पर कालमेघ या ग्रीन चिरेट्टा के नाम से जाना जाता है. ये एकेंथेसी परिवार का पौधा है.कालमेघ कई औषधीय गुणों से भरपूर है. यह पौधा लगभग पूरे भारत में उगाया जाता है. इसकी विभिन्न विशेषताओं के कारण इसे अलग-अलग दवाओं में उपयोग किया जाता है. इसके साथ ही यह आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से भी बहुत उपयोगी है. इसका स्वाद बहुत कड़वा होता है. बता दें कि किसान इस पौधे की खेती करके कमा सकते हैं. भारत में यह गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, केरल आदि राज्यों में उगाई जाती है. खासकर गुजरात में, इसे उत्तर गुजरात, मध्य गुजरात और सौराष्ट्र में भी उगाया जाता है. किसान इस औषधीय पौधे की खेती करके पैसे कमा सकते हैं. इस पौधे की फसल विभिन्न प्रकार की दवाओं के उपयोग के कारण किसानों के लिए फायदेमंद हो सकती है.
कई बीमारियों में उपयोग होता है
लोकल 18 से बात करते हुए आनंद कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विशेषज्ञ डॉ. केवी पटेल ने बताया कि इस जड़ी-बूटी की बात करें तो कड़वी लौकी एक व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली जड़ी-बूटी है. उन्होंने बताया कि कड़वी लौकी का उपयोग दवा के रूप में व्यापक रूप से किया जाता है. इसका मुख्य कारण इसमें उपस्थित एंडोग्राफी लॉयड कटेंट है. इस तत्व के कारण इसका उपयोग होता है. इन जड़ी-बूटियों का मुख्य रूप से उपयोग कीड़े मारने के लिए किया जाता है. इसके अलावा, यह जड़ी-बूटी पीलिया, सूजन जैसी बीमारियों में भी उपयोग की जाती है.
43 प्रतिशत आयरन की मात्रा होती
बता दें कि आमतौर पर इस पौधे में 43 प्रतिशत आयरन की मात्रा होती है. इसलिए यह उन लोगों के लिए भी बहुत उपयोगी है जिन्हें हीमोग्लोबिन की समस्या है. इसके अलावा, इसके कड़वे स्वाद के कारण, यह डायबिटीज वाले लोगों द्वारा भी उपयोग किया जाता है. हालांकि, आयुर्वेदिक चिकित्सा के मामले में, विभिन्न जड़ी-बूटियां प्रत्येक व्यक्ति की राय के अनुसार उपयोग की जाती हैं, इसलिए बिना आयुर्वेदिक डॉक्टर से परामर्श किए दवा नहीं लेनी चाहिए.
आज जान ही लें खाने का सही तरीका! सिर्फ एक महीने में मिलेगी एनर्जी, फिटनेस में आएगा चमत्कारी बदलाव
कालमेघ के फायदे
1. डायबिटीज में मदद: कालमेघ में मौजूद कड़वा तत्व ब्लड शुगर के लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे डायबिटीज के मरीजों को फायदा होता है.
2. पीलिया का इलाज: यह हर्ब लीवर के हेल्थ के लिए लाभकारी है और पीलिया के उपचार में सहायक होती है.
3. सूजन कम करना: कालमेघ में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर में सूजन को कम करने में मदद करते हैं.
4. आयरन का स्रोत: इस पौधे में लगभग 43% आयरन होता है, जो हीमोग्लोबिन लेवल को बढ़ाने में सहायक है.
5. सामान्य स्वास्थ्य: यह इम्युनिटी को बढ़ाने और सामान्य स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है.
6. अन्य रोगों में उपयोग: कालामेघ का उपयोग अन्य डिजीज़ जैसे खांसी, जुकाम और त्वचा रोगों में भी किया जाता है.
Tags: Health News, Local18, Special Project
FIRST PUBLISHED : October 25, 2024, 23:22 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.