वाराणसी : पूरे ज्ञानवापी परिसर के अतिरिक्त सर्वे की हिंदू पक्ष की अपील पर वाराणसी कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. अदालत से हिंदू पक्ष को झटका लगा है. वाराणसी जिला अदालत ने हिंदू पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है. उनकी ओर से ASI सर्वे और सेंट्रल डोम के नीचे खुदाई की याचिका दायर की गई थी, जिसके अदालत ने खारिज कर दिया. हालांकि अब हिंदू पक्षकार इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस फैसला के खिलाफ अपील करेगा.
चूंकि इसी से संबंधित मामला हाईकोर्ट में है, इसीलिए इसे ख़ारिज किया गया है. ज्ञानवापी केस के पैरोकार डॉक्टर सोहन लाल आर्या ने अदालत के इस फैसले पर कहा कि इसे झटका मत बोलिए. इस फ़ैसले के खिलाफ हम इलाहाबाद हाईकोर्ट जाएंगे.
दरअसल, केस में हिंदू पक्ष की ओर से दावा किया गया था कि मुख्य गुंबद के नीचे 100 फुट का शिवलिंग मौजूद है और परिसर के बाकी स्थल की खुदाई कराकर एएसआई सर्वे कराया जाए. वहीं, मुस्लिम पक्ष ने खुदाई का विरोध किया था. यह मामला 1991 में सोमनाथ व्यास द्वारा दाखिल किए गए वाद से जुड़ा है.
हिन्दू पक्ष के वकील विजय शंकर रस्तोगी के अनुसार, “सिविल सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट वाराणसी में केस संख्या 610, वर्ष 1991 के अंतर्गत लंबित है वाद में एएसआई सर्वे पहले ही हो चुका था. लेकिन इस केस में आज 08.04.2021 को एक आदेश पारित हुआ है. उस आदेश के अनुपालन में कोई आदेश नहीं हुआ था, इसलिए उनकी ओर से प्रार्थना पत्र दिया गया था कि संपूर्ण ज्ञानवापी परिसर का अतिरिक्त सर्वे कराया जाए. जो पहले के सर्वे में नहीं हुआ है वह कराया जाए.”
किस तरीके का सर्वे हो इस पर उनका कहना था कि, “केंद्रीय गुंबद के नीचे, स्वयंभू ज्योतिर्लिंग का 100 फीट लंबा शिवलिंग है और अरघा सौ फीट गहरा है. इसे बड़ी सीमाओं और पट्टियों से ढक दिया है और इसे अस्तित्वहीन कर दिया है. हम इसे प्रकाश में लाना चाहते हैं. न तो एएसआई और न ही जीपीआर सिस्टम वहां काम कर रहा था. न तो एएसआई और न ही जीपीआर सिस्टम स्पष्ट आकार और नीचे की हर चीज की रिपोर्ट देने में सक्षम था. इसलिए मेरी अदालत से यही प्रार्थना थी कि इस संरचना से हटकर, इसे कोई नुकसान पहुंचाए बिना, 10 मीटर, 5 मीटर दूर गड्ढा खोदकर अंदर जाएं और उस स्तर पर देखें कि स्वयंभू विश्वेश्वर का ज्योतिर्लिंग, जिनके नाम से काशी जानी जाती है, जिनके नाम से काशी दुनिया में प्रसिद्ध है, ऐसे विश्वनाथ वहां मौजूद हैं या नहीं और उसके बारे में रिपोर्ट करें.”
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FIRST PUBLISHED : October 25, 2024, 18:37 IST