यमुना विकास प्राधिकरण ने अपने अधिसूचित क्षेत्र के गांवों का सर्वे करने के बाद उसकी बाउंड्री तय कर पेरिफेरल रोड बनाने का फैसला लिया है। अब तक 15 गांवों में आबादी का सर्वे पूरा कर लिया गया है।
यमुना विकास प्राधिकरण ने अपने अधिसूचित क्षेत्र के गांवों का सर्वे करने के बाद उसकी बाउंड्री तय कर पेरिफेरल रोड बनाने का फैसला लिया है। अब तक 15 गांवों में आबादी का सर्वे पूरा कर लिया गया है। इसकी रिपोर्ट पर बोर्ड की स्वीकृति लेकर पेरिफेरल रोड का निर्माण किया जाएगा।
इससे संबंधित प्रस्ताव आगामी बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। गांवों के चारों तरफ पेरिफेरल रोड का निर्माण होने से आबादी की जमीन का अधिग्रहण किए जाने की समस्या का समाधान हो जाएगा। बता दें कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने भी आबादी का ड्रोन सर्वे कराया है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण द्वारा विभिन्न परियोजनाओं के लिए किसानों की जमीन अधिग्रहित की जाती है। आबादी की जमीन के अधिग्रहण को लेकर जिले के किसान आए दिन धरना प्रदर्शन करते रहते हैं। कोर्ट में मामला विचाराधीन होने की वजह से कई परियोजनाएं अटकी हुई हैं।
ऐसे में आबादी संबंधित मामलों के समाधान के लिए यमुना प्राधिकरण ने नई रणनीति तैयार की है। इसके तहत गांवों का ड्रोन सर्वे कराया जा रहा है। गांवों की मूल आबादी के साथ विस्तारित आबादी को भी शामिल किया गया है। इस सर्वे के आधार पर गांव के चारों ओर पेरिफेरल रोड का निर्माण किया जाएगा। आबादी की ओर की जमीन पर जिन किसानों का कब्जा है, उन्हीं के पास रहेगी।
प्राधिकरण की योजना के मुताबिक, जिन गांवों में प्राधिकरण जमीन अधिग्रहित या बेच चुका है और सर्वे में वह जमीन आबादी क्षेत्र में शामिल है, तो उस जमीन पर 7 फीसदी के आबादी भूखंड विकसित कर किसानों को आवंटित कर दिया जाएगा।
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि सर्वे रिपोर्ट पर बोर्ड की स्वीकृति लेकर पेरिफेरल रोड का निर्माण होगा। सर्वे और पेरिफेरल रोड के निर्माण से आबादी अधिग्रहण को लेकर होने वाले विवादों का समाधान हो जाएगा।