इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अंतरिम आदेश में वन विभाग में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को न्यूनतम वेतन के रूप में 18 हज़ार रुपये देने का निर्देश दिया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अंतरिम आदेश में वन विभाग में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को न्यूनतम वेतन के रूप में 18 हज़ार रुपये देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने इस मामले में वन विभाग के प्रमुख सचिव से हलफनामा मांग कर पूछा है कि क्यों न इस आदेश को स्थायी कर दिया जाए। न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने जौनपुर के शोभनाथ की याचिका पर यह आदेश दिया। अभी तक उसे करीब पांच हजार मिलता था। इस तरह अब तीन गुना मिलने लगेगा।
वन विभाग जौनपुर में याची शोभनाथ 1984 से दैनिक वेतनभोगी के पद पर कार्यरत है। उन्हें 5,226 रुपये प्रति माह भुगतान किया जा रहा है। उन्होंने सातवें वेतन आयोग के अनुसार 18 हजार रुपये प्रति माह वेतन देने की विभाग से मांग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इस पर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की।
याची के वकील गौरव कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि याची 1984 से लगातार विभाग में दैनिक भोगी कर्मचारी के रूप में कार्यरत है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश सभाशंकर दुबे व पुत्तीलाल के केस का हवाल दिया जिसमें दैनिक वेतन भोगी को 18 हजार रुपये प्रतिमाह देने का आदेश दिया गया है। कोर्ट ने पक्षों को सुनने के बाद दैनिक भोगी कर्मचारी को न्यूनतम 18 हजार रुपये प्रतिमाह देने का आदेश दिया है।