2016 रियो ओलंपिक में पदक जीतने वाली भारतीय पहलवान साक्षी मलिक ने अपनी किताब ‘विटनेस’ में कई चौंकाने वाले दावे किए हैं। उन्होंने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं। साक्षी ने आत्मकथा में साल 2012 में कजाकिस्तान के अल्माटी में हुए एशियाई जूनियर चैंपियनशिप की एक घटना का जिक्र किया, जब डब्ल्यूएफआई के तत्कालीन प्रमुख बृजभूषण ने होटल के कमरे में उनका यौन उत्पीड़न करने की कोशिश की थी। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में ‘विटनेस’ के कुछ हिस्सों का जिक्र किया गया है। इसके मुताबिक, साक्षी को अपने माता-पिता से फोन पर बात करने के बहाने बृजभूषण के होटल के कमरे में भेजा गया था। मगर, वहां जाने पर जो हुआ वह उनके जीवन की सबसे दर्दनाक घटनाओं में से एक बन गया।
किताब में साक्षी मलिक के हवाले लिखा है, ‘बृजभूषण शरण सिंह ने फोन पर मेरे पेरेंट्स से बात करवाई। मैंने आराम से उसने बातचीत की। माता-पिता को मैंने अपने मैच और पदक के बारे में बताया। मुझे याद है कि उस समय तक मुझे कुछ भी अप्रिय होने जैसा नहीं लगा। मगर, मेरे कॉल खत्म करते ही उसने छेड़छाड़ करने की कोशिश की, जब मैं उसके बेड पर बैठी हुई थी। मैंने उसे धक्का दे दिया और रोने लगी। इसके बाद वह पीछे हट गया।’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘मुझे लगता है कि उसे यह एहसास हो गया कि वह जो चाहता था मैं उसके लिए राजी नहीं थी। अब उसने कहना शुरू कर दिया कि मेरे ऊपर पापा की तरह अपना हाथ रखा था। मगर, मुझे पता है कि वह ऐसा नहीं था। मैं रोते हुए उसके कमरे से बाहर भाग गई।’
‘ट्यूशन देने वाले टीचर ने भी मेरे साथ…’
पहलवान साक्षी मलिक अपनी किताब में बताती हैं कि यह पहली बार नहीं था, जब उन्हें इस तरह के यौन आघात का सामना करना पड़ा। साक्षी ने बताया कि बचपन में ट्यूशन देने वाले टीचर से छेड़छाड़ के बारे में वह अपने परिवार को नहीं बता सकीं थीं, क्योंकि उन्हें लगता था कि यह उनकी गलती थी। उन्होंने लिखा, ‘मैं इसके बारे में अपने परिवार को नहीं बता सकी क्योंकि मुझे लगा कि यह मेरी गलती थी। मेरे स्कूल के दिनों में ट्यूशन देने वाला शिक्षक मुझे प्रताड़ित करता। वह मुझे क्लास लेने के लिए बेवक्त अपने घर बुलाता और कभी कभार मुझे छूने की कोशिश करता। मैं ट्यूशन क्लास के लिए जाने के लिए डरी रहती लेकिन मैं अपनी मां को नहीं बता सकी।’ उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनका परिवार साथी पहलवान सत्यव्रत कादियान के साथ रिश्ते के खिलाफ था, लेकिन उन्होंने उनसे शादी करने का फैसला किया।