Bareilly-Badaun four lane compensation: बरेली-सितारगंज और रिंग रोड घोटाले के बाद बरेली-बदायूं फोरलेन में अधिकारी फूंक-फूंक कर कदम बढ़ा रहे हैं। बरेली-बदायूं फोरलेन की अधिग्रहीत जमीन की परिसंपत्तियों के मूल्यांकन में गड़बड़ी रोकने के लिए गूगल अर्थ के फोटो का सहारा लिया जाएगा। एसएलएओ आशीष कुमार ने बदायूं और बरेली के एनएचएआई अधिकारियों को परियोजना के नोटिफिकेशन से पहले और बाद की गूगल अर्थ की तस्वीरों से परिसंपत्तियों का मिलान करने को कहा है।
बरेली-सितारगंज और रिंग रोड की अधिग्रहीत जमीन पर बने परिसंपत्तियों के मूल्यांकन में गड़बड़ी का खुलासा गूगल अर्थ के फोटो के जरिए किया गया था। दोनों प्रोजेक्ट में नोटिफिकेशन के बाद बनी परिसंपत्तियों की जानकारी भी गूगल अर्थ के फोटो से ही हो सकी थी। दोनों प्रोजेक्ट में करीब 71 करोड़ का घोटाला सामने आया था। पिछले सप्ताह 39 किमी लंबे बरेली-बदायूं फोरलेन परियोजना के लिए 1527 करोड़ के बजट को केंद्र सरकार ने स्वीकृति दी है। बरेली-सितारगंज और रिंग रोड जैसी स्थिति बरेली-बदायूं फोरलेन में न हो इसकी व्यवस्था की जा रही है। बरेली-बदायूं फोरलेन की अधिग्रहीत जमीन पर बनी परिसंपत्तियों की हकीकत जानने के लिए ड्रोन सर्वे के साथ गूगल अर्थ के फोटो का भी उपयोग किया जाएगा। एक-एक गाटा नंबर के साथ गूगल अर्थ का फोटो लगाने के बाद ही भुगतान हो सकेगा। बता दें कि बरेली और बदायूं के 41 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है। इनमें बरेली के 28 और बदायूं के 13 गांव शामिल हैं।
25 सितंबर 2018 को जारी हुआ था गजट
बरेली-बदायूं फोरलेन का 25 सितंबर 2018 को गजट (3 स्मॉल ए) जारी हुआ था। नोटिफिकेशन (3 कैपिटल ए) करीब चार साल बाद 13 सितंबर 2022 को हुआ।
350 करोड़ मुआवजे पर होंगे खर्च
बदायूं। बरेली-बदायूं फोरलेन के लिए करीब 90 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण किया गया है। मुआवजे के तौर पर करीब 350 करोड़ किसानों को वितरित किए जाएंगे। हालांकि अभी कुछ गांवों की अधिग्रहीत जमीन का आवार्ड घोषित होना बाकी है।