भारत की पूर्व महिला पहलवान साक्षी मलिक ने विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया है कि विनेश और बजरंग की वजह से उनका आंदोलन कमजोर पड़ा था, जो उन लोगों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के तत्कालीन अध्यक्ष और पूर्व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ शुरू किया था। साक्षी मलिक ने कहा है कि पिछले साल एशियन गेम्स के ट्रायल से छूट लेने के पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया के फैसले से बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ उनके विरोध की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। उन्होंने अपनी ऑटोबायोग्राफी में लिखा है कि दोनों पहलवानों के इस कदम से प्रोटेस्ट ‘स्वार्थी’ प्रतीत हुआ।
साक्षी मलिक ने विटनेस (Witness) नाम की अपनी आत्मकथा में विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया की आलोचना की और कहा कि ट्रायल्स से छूट स्वीकार करने के निर्णय की वजह से विरोध की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा और समर्थकों ने हमारे आंदोलन की ईमानदारी पर सवाल उठाया। 28 मई 2023 को नए संसद भवन की ओर उनके मार्च को पुलिस द्वारा रोक दिए जाने के बाद प्रोटेस्ट समाप्त हो गया था। पत्रकार जोनाथन सेल्वाराज इस किताब के को-ऑथर हैं। इसमें साक्षी मलिक ने लिखा है कि पुनिया और फोगाट के करीबी लोगों पर ‘लालच’ के प्रभाव के कारण प्रोटेस्ट कमजोर पड़ने लगा था।
तीनों पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। यह मामला वर्तमान में दिल्ली की एक अदालत में लंबित है, जबकि एड-हॉक कमिटी ने पुनिया और फोगाट को 2023 एशियाई खेलों के ट्रायल से छूट दी, लेकिन साक्षी मलिक ने इस फेवर को लेने से इनकार कर दिया। बाद में साक्षी ने प्रतिस्पर्धा नहीं की, जबकि फोगाट को खेलों से पहले चोट लग गई और पुनिया भी पदक जीतने में विफल रहे।
साक्षी मलिक लिखती हैं, “बजरंग और विनेश के ट्रायल्स से छूट लेने के फैसले से कुछ भी अच्छा नहीं हुआ। उनके फैसले ने हमारे प्रोटेस्ट की छवि को बुरी तरह से नुकसान पहुंचाया। इसने हमें ऐसी स्थिति में डाल दिया जहां कई समर्थकों को लगने लगा कि हम वास्तव में स्वार्थी कारणों से प्रोटेस्ट कर रहे थे।” विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया ने बाद में सक्रिय राजनीति में कदम रखा। विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक 2024 में फाइनल से ठीक पहले डिस्क्वॉलिफाई हो गई थीं। इसके बाद वे घर लौंटी तो कुछ ही दिन बाद वे हरियाणा विधानसभा चुनाव में लड़ीं और विधायक बन गईं।