सोनभद्र, विधि संवाददाता। अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट अमित वीर सिंह की
सोनभद्र, विधि संवाददाता। अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट अमित वीर सिंह की अदालत ने सोमवार को सुनवाई करते हुए साढ़े छह वर्ष पूर्व 11 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी महेश गोंड़ को 20 वर्ष की कठोर कैद एवं एक लाख पांच हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से 80 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक ओबरा थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़िता के पिता ने ओबरा थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि पांच जून 2018 की रात करीब नौ बजे जब उसकी 11 वर्षीय नाबालिग बेटी घर में सो रही थी तभी महेश गोंड़ पुत्र अजमेर गोड़ निवासी मेडरदह, थाना अनपरा, हाल पता बिल्ली मारकुंडी, घर में घुस गया और नाबालिग बेटी के साथ जबरन दुष्कर्म किया। चिल्लाने की आवाज सुनकर जब पति-पत्नी समेत आसपास के लोग पहुंचे तो वह भाग गया। तहरीर पर पुलिस ने पांच जून 2018 को दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट में एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दिया। दौरान विवेचना विवेचक ने बयान लेने के बाद पर्याप्त सबूत मिलने पर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, सात गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी महेश गोंड़ को 20 वर्ष की कठोर कैद एवं एक लाख पांच हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश प्रसाद अग्रहरि, सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह ने बहस की।