समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ पर विवादित बयान दिया है। इसे लेकर बवाल मचा तो अब वह सफाई देने लगे हैं। यही नहीं उन्होंने कहा कि मैंने तो चीफ जस्टिस को लेकर कोई बयान ही नहीं दिया है तो फिर विवादित किस बात का। यही नहीं उन्होंने कहा कि चीफ जस्टिस साहब तो एक्सिलेंट आदमी हैं। दरअसल रामगोपाल का एक बयान चर्चा में था। इसमें उन्होंने कहा था, ‘हमें कोई टिप्पणी नहीं करनी है। जब भूतों को जिंदा करते हो तो वह भूत बन जाते हैं और जस्टिस के पीछे पड़ जाते हैं। अब कहां हैं…आपको अभी भी बाबरी मस्जिद और मंदिर दिख रहा है। अरे छोड़ो तमाम $#ये इस तरह की बातें करते रहते हैं। क्या मुझे उन्हें संज्ञान में लेना चाहिए।’
अब बवाल मचा तो फिर रामगोपाल यादव की सफाई भी आ गई है। दरअसल चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने अपने पुणे स्थित पैतृक गांव में राम मंदिर विवाद को लेकर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि मैंने ईश्वर से प्रार्थना की थी कि कोई रास्ता निकालें। चीफ जस्टिस ने कहा था,’मैंने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के समाधान के लिए ईश्वर से प्रार्थना की थी और कहा कि अगर आस्था हो तो ईश्वर रास्ता निकाल देते हैं।’ इसी को लेकर मीडिया से बात करते हुए रामगोपाल यादव ने विवादित टिप्पणी कर दी थी, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर खूब बवाल छिड़ गया था।
चीफ जस्टिस ने कहा था कि यदि आस्था हो तो भगवान हर मुश्किल का हल निकाल देते हैं। आपको बस अपने आराध्य के सामने अपनी बात रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा था कि अयोध्या का राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद मामला मेरी बेंच के सामने तीन महीने तक था। कोई हल नहीं दिख रहा था। फिर मैंने अपने आराध्य के सामने प्रार्थना की।
भगवान ने फिर इसका हल निकाल दिया। मैंने अपने आराध्य से कहा था कि मुझे समाधान की जरूरत है। उनके इसी बयान के संबंध में रामगोपाल यादव से पूछा गया तो वे विवादित टिप्पणी कर गए। इसी संबंध में जब अखिलेश यादव से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे उनके बयान की जानकारी नहीं है। लेकिन चीफ जस्टिस साहब का हम सभी लोग बहुत सम्मान करते हैं।