बहराइच के महराजगंज कस्बे में हिंसा के बाद अवैध निर्माण ढहाने की नोटिस चस्पा का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। हत्यारोपित की बेटी समेत तीन लोगों की ओर से कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
बहराइच के महराजगंज कस्बे में हिंसा के बाद अवैध निर्माण ढहाने की नोटिस चस्पा का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। हत्यारोपित की बेटी समेत तीन लोगों की ओर से कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। वहीं, नोटिस की मियाद भी सोमवार को पूरी हो रही है। दूसरी तरफ हाईकोर्ट में भी मामले की सुनवाई हुई। होईकोर्ट ने ध्वस्तीकरण पर किसी तरह की रोक तो नहीं लगाई लेकिन ध्वस्तीकरण नोटिस से प्रभावित लोगों को जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया है।
महराजगंज कस्बे में 13-14 अक्तूबर को बवाल के बाद लोक निर्माण विभाग भी अवैध निर्माण पर गंभीर है। मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद समेत 23 लोगों के घरों, दुकानों पर नोटिस चस्पा की गई है। इसमें तीन दिनों के अंदर अवैध अतिक्रमण न हटाने पर बुलडोजर की कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है। नोटिस के बाद से ही लोग अपने मकानों व दुकानों पर हथौड़ा चला रहे हैं।
लोक निर्माण विभाग की ओर से तीन दिन की मोहलत सोमवार को पूरी हो रही है। इसके बीच उपद्रव से जुड़े आरोपितों के रिश्तेदारों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। इसमें मुख्य आरोपित की बेटी रुकसार भी पक्षकार है। चूंकि बुलडोजर कार्रवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पहले से सुनवाई चल रही है। अब याचिका के जरिए उसी में एक इंटरवेंशन एप्लिकेशन दाखिल की गई है।
लखनऊ हाईकोर्ट के अधिवक्ता सैय्यद अकरम आजाद ने बताया कि याचिका दाखिल करने वालों में अब्दुल हमीद की बेटी, दिल्ली की संस्था एसओसीएसएम फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट है, जो राष्ट्रीय स्तर पर काम करती है। सुप्रीम कोर्ट मामला पहुंचने के बाद लोक निर्माण विभाग के अधिकारी भी सकते में पड़ गए हैं।
बुलडोजर की कार्रवाई के आदेश का इंतजार
पीडब्ल्यूडी के जेई पंकज सिंह ने बताया कि मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचने की जानकारी विभिन्न माध्यमों से हुई है। अभी तक उच्चाधिकारियों से अवैध निर्माण पर कार्रवाई को लेकर आदेश नहीं मिला है। आदेश अनुसार सोमवार को कदम उठाया जाएगा।