नई दिल्ली. अगर रोजाना अंडा मार्केट (Egg Market) के रेट देखें तो पता चलेगा कि देश की किसी भी अंडा मंडी में अंडे प्रति सैकड़ा 420 रुपये से कम नहीं है. कुछ मंडियों में अधिकतम रेट 500 रुपये होता है. जिसका सीधे मतलब है कि थोक में अंडे बेचने वाले पोल्ट्री फार्म (Poultry farm) मालिक एक से डेढ़ रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं. चार साल बाद यह पहला मौका मिला है जब अंडे के थोक कारोबारियों को एक अंडे पर इतना मोटा मुनाफा (Profit) मिल रहा है. कारोबार के जानकारों के मुताबिक अभी यह बाज़ार फरवरी तक इसी तरह से बना रहेगा. आपको बता दें कि मुर्गी पालन (Poultry Farming) का कारोबार कम से कम 5 से 9 लाख रुपये में शुरू किया जा सकता है. छोटे स्तर यानी 1500 मुर्गियों से लेयर फार्मिंग की शुरुआत करेंगे तो आप 50 हजार से 1 लाख रुपये प्रति महीना कमा सकते हैं.
कोरोना की देन है अंडे पर मुनाफे वाली कमाई –मान्या एग ट्रेडर्स के स्वामी राजेश राजपूत की मानें तो पोल्ट्री फार्म वालों को अंडे पर मोटे मुनाफे का यह मौका कोरोना की वजह से मिला है. कोरोना के चलते लाखों मुर्गियां जिंदा ज़मीन में दफन कर दी गईं. अंडे-चूजे तक ज़मीन में दबा दिए गए. फ्री में भी कोई लेने वाला नहीं था. ऐसे में पोल्ट्री वाला अंडा न बिकने पर कब तक मुर्गी को दाना खिलाता. फिर ट्रांसपोर्ट बंद होने से दाना भी नहीं मिल रहा था. जो था भी तो बहुत महंगा था. 60 फीसद करीब मुर्गियां कोरोना-लॉकडाउन के दौरान मार दी गईं. अब अंडा देने वाली मुर्गियां कम हैं और अंडे की डिमांड ज़्यादा है. तो इसलिए पोल्ट्री वालों को अच्छे दाम मिल रहे हैं. वर्ना तो बहुत ही कम मुनाफे पर यह काम चल रहा था.
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महीने में 18 अंडे देने वाली मुर्गी भी पाल रहे हैं पोल्ट्री वाले-जानकारों की मानें तो एक अंडे की लागत 2.80 रुपये से 3 रुपये तक आती है. ऐसे में मौजूदा बाज़ार को देखते हुए पोल्ट्री फार्म मालिक को एक से डेढ़ रुपये का मुनाफा मिल रहा है. यही वजह है कि इस वक्त पोल्ट्री फार्म मालिक उन मुर्गियों को भी पाल रहे हैं जो एक महीने में 15 से 18 तक अंडे दे रही हैं. आमतौर पर जब मुर्गी इतने अंडे देने पर आ जाती है तो उसे बेच दिया जाता है. लेकिन इस वक्त बाज़ार में दाना भी सस्ता है. इसलिए 18 अंडों पर लागत के साथ मुनाफा भी मिल रहा है.
30 से 80 रुपये किलो हो गई 18 अंडे देने वाली मुर्गी-चिकन मार्केट एक्सपर्ट और यूपी पोल्ट्री फार्म एसोसिएशन के अध्यक्ष नवाब अली का कहना है, “बीते साल इन दिनों में रिटायर्ड मुर्गी (अंडा देना कम या बंद कर देने वाली) मुर्गी की बिक्री 30 रुपये से लेकर 40 रुपये किलो तक रहती थी. लेकिन कोरोना के असर के चलते अब यही मुर्गी 80 रुपये किलो में बिक रही है. यह मुर्गी शादी-ब्याह और होटल में चिकन कोरमा बनाने में ज़्यादा इस्तेमाल होती है. लेकिन इस साल अंडा देने वाली मुर्गियां कम हैं तो जब तक अंडा दे रही है तो पोल्ट्री वाले उसे नहीं बेच रहे हैं. बीते साल के मुकाबले दाना भी थोड़ा सस्ता है तो कोई बड़ा रिस्क भी नहीं है. अगर 60 फीसद अंडा भी दे रही है तो घाटे का सौदा नहीं है.”
कितना होगा खर्च- सबसे पहले जगह, पिंजड़े और इक्विपमेंट पर लगभग 5 से 6 लाख रुपये खर्च करना होगा. 1500 मुर्गियों के टारगेट से काम शुरू करना हो तो 10 फीसदी ज्यादा चूज़े खरीदने होंगे. असमय बीमारी की चलते मुर्गियों के मरने का खतरा होता है.
मुर्गियां खरीदने का बजट 50 हजार रुपये- एक लेयर पैरेंट बर्थ की कॉस्ट लगभग 30 से 35 रुपये होती है. यानी मुर्गियां खरीदने के लिए 50 हजार रुपये का बजट रखना होगा. अब इन्हें पालने के लिए अलग-अलग तरह का खाना खिलाना पड़ता है और साथ ही मेडिकेशन पर भी खर्च करना पड़ता है.
20 हफ्तों का खर्च 3-4 लाख रुपये- लगातार 20 हफ्ते तक मुर्गियों को खिलाने का खर्च होगा करीब 1 से 1.5 लाख रुपये. एक लेयर पैरेंट बर्ड एक साल में लगभग 300 अंडे देती है. 20 हफ्ते बाद मुर्गियां अंडा देना शुरू कर देती है और साल भर तक अंडे देती है. 20 हफ्तों के बाद इनके खाने पीने पर तकरीबन 3 से 4 लाख रुपये खर्च होता है.
सालाना 14 लाख रुपये तक कमाई- ऐसे में 1500 मुर्गियों से 290 अंडे प्रति वर्ष के औसत से लगभग 4,35,000 अंडे मिलते हैं. बर्बादी के बाद भी अगर 4 लाख अंडे बेच पाएं तो एक अंडा 3.5 रुपये की दर से बिकता है. यानी साल भर में सिर्फ अंडे बेचकर 14 लाख रुपये की कमाई होगी.
फॉर्मल ट्रेनिंग जरूरी- कमाई भले ही अच्छी हो लेकिन इस कारोबार में हाथ आजमाने से पहले अच्छे से ट्रेनिंग लेना जरूरी है.
पोल्ट्री फार्मिंग के बिजनेस में दो तरह से कमाई होती है अंडे और मांस से. इसमें अंडे के उत्पादन की प्रक्रिया और ब्रायलर प्रजनन की प्रक्रिया की जानकारी लेना होता है. साथ ही उपयोग किए जाने वाले उपकरण की पूरी जानकारी जरुरी है. इसके लिए सरकार की ‘ब्रायलर प्लस’ योजना के तहत सभी जानकारी मिल जाती है. इस बिजनेस से दूसरों को रोजगार दिया जा सकता है.
इस तरह करें अप्लाई-पोल्ट्री फार्मिंग के लिए किसी भी सरकारी बैंक से लोन लिया जा सकता है. भारतीय स्टेट बैंक इस बिजनेस ले के लिए कुल लागत का 75 फीसदी तक लोन देता है. इस योजना का नाम ‘ब्रायलर प्लस’ योजना रखा गया है. SBI से 9 लाख रुपये तक का लोन लिया जा सकता है जिसे 5 साल में चुकाना होता है.
भारतीय स्टेट बैंक में 5,000 मुर्गियों के पोल्ट्री फार्म के लिए 3,00,000 रुपये तक का कर्ज दिया जाता है. यहां से आप 9 लाख रुपये तक का कर्ज ले सकते हैं. एसबीआई से लिए लोन को 5 साल में वापस करना होता है. अगर किसी वजह से 5 साल में लोन नहीं चुका पा रहे हैं तो 6 महीने का और समय दिया जाता है.
सबसे पहले पहचान प्रमाण पत्र के लिए ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी, पैन कार्ड या पासपोर्ट में से किसी एक की जरूरत होती है.दो फोटो, एड्रेस प्रूफ, बैंक अकाउंट स्टेटमेंट की फोटो कॉपी और मुर्गी पालन की प्रोजेक्ट रिपोर्ट बैंक में देनी होता है.
लोन लेने के लिए जरूरी कागज-मुर्गी पालन के लिए लोन लेने के लिए पहचान प्रमाण पत्र – जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड या पासपोर्ट की जरूरत होती है.पासपोर्ट आकार की दो फोटो.पते के प्रूफ में राशन कार्ड, बिजली बिल, टेलीफोन बिल, पानी बिल या फिर लीज एग्रीमेंट की जरूरत होती है.बैंक अकाउंट स्टेटमेंट की फोटो कॉपी. मुर्गी पालन की प्रोजेक्ट रिपोर्ट.
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FIRST PUBLISHED : December 4, 2020, 06:07 IST