Maha Kumbh 2025: योगी सरकार महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को विश्व स्तरीय सुविधाएं उपल्ब्ध कराने के लिए तरह-तरह के कदम उठा रही है। इसके तहत श्रद्धालुओं के साथ विनम्र व्यवहार पर भी खासा जोर है। पुलिसकर्मियों को तीन चरणों में दो तरह का प्रशिक्षण दिया जाएगा। बाद में नाविकों, गोताखोरों तथा ई-रिक्शा व टैम्पो चालकों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
सरकार का प्रयास है कि मेले में आने वाले श्रद्धालु अच्छा और सुखद अनुभव लेकर जाएं। साथ ही वे अपने इस सुखद अनुभव को लोगों से साझा भी कर सकें। इसमें सबसे अहम भूमिका पुलिस की होगी। पुलिसकर्मियों का पहले चरण का प्रशिक्षण 16 अक्तूबर से शुरू हो चुका है। इसके अलावा श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नाविकों व गोताखोरों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। इतना ही नहीं श्रद्धालुओं से तय किराया लेने समेत अन्य चीजों को लेकर ई रिक्शा और टैंपो चालकों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
प्रदेश सरकार के निर्देश पर पुलिसकर्मियों को तीन सत्रों में प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया गया है। इसमें उन्हें दो तरह के प्रशिक्षण दिये जाएंगे। इनमें अंत: और बाह्य प्रशिक्षण शामिल है। पहला सत्र 21 दिन, दूसरा सत्र 14 दिन और तीसरा सत्र सात दिनों का होगा। अंत: प्रशिक्षण (इन डेप्थ) को भी सात चरणों में विभाजित किया गया है। इसमें पुलिसकर्मियों को सॉफ्ट स्किल के तहत श्रद्धालुओं से कैसा व्यवहार करना है, इसकी ट्रेनिंग दी जा रही है। इसी तरह जेंडर सेंसटाइजेशन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसका उद्देश्य बड़ी संख्या में आने वाली महिलाओं श्रद्धालुओं को लेकर है क्योंकि इतनी बड़ी संख्या में हर जगह महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती नहीं की जा सकती है। ऐसे में इसके तहत पुरुष पुलिसकर्मियों से उनकी प्राइवेसी समेत अन्य बातों को लेकर ट्रेनिंग दी जा रही है। महाकुंभ के दौरान पुलिसकर्मियों पर काफी दबाव होगा। ऐसे में इससे कैसे निपटना है, इसके लिए तनाव प्रबंधन की ट्रेनिंग दी जा रही है।
भाषिनी एप और चैटबॉट से लैस होंगे पुलिसकर्मी
एसएसपी राजेश द्विवेदी ने बताया कि महाकुंभ के दौरान देश दुनिया से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आएंगे। ऐसे में उनकी भाषा भी अलग-अलग है। इसके लिए भाषिनी एप तैयार किया गया है। पुलिसकर्मियों को भाषिनी एप के संचालन की ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके जरिये विभिन्न भाषा बोलने वाले श्रद्धालुओं की भाषा को समझने व गाइड करने के लिए एप के जरिए मदद कर सकेंगे। पुलिसकर्मियों को चैटबॉट के संचालन की भी ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि श्रद्धालुओं की सवालों को जवाब दे सकें। उन्होंने बताया कि महाकुंभ को सुरक्षा और भव्य आयोजित करने के लिए एआई का इस्तेमाल किया जाएगा। ऐसे में पुलिसकर्मियों को एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की भी जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि दूसरे बाह्य प्रशिक्षण के तहत पुलिसकर्मियों को महाकुंभ मेले के भौगोलिक क्षेत्र की जानकारी दी जाएगी। इसमें उन्हें उनके ड्यूटी प्वाइंट से जुड़ी अहम जानकारी, उसकी संवेदनशीलता और कठिन परिस्थितियों में लगातार ड्यूटी करने के लिए समर्थ बनाना शामिल है।