महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो गई है। 20 नवंबर को महाराष्ट्र में सभी सीटों पर एक चरण में वोटिंग होगी। इस बीच, एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना ने नागपुर के रामटेक विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। एकनाथ शिंदे ने यहां से पूर्व निर्दलीय विधायक आशीष जयसवाल को अपना उम्मीदवार घोषित किया है, लेकिन यही से बीजेपी के पूर्व विधायक मलिकार्जुन रेड्डी ने इस उम्मीदवारी को लेकर बगावत शुरू कर दी है, जिसके बाद बीजेपी ने उन्हें पार्टी से 6 साल के लिए निलंबित कर दिया।
“शिंदे गुट को क्यों स्वीकार करेंगे?”
हालांकि, मलिकार्जुन रेड्डी अब भी खुद को बीजेपी का कार्यकर्ता बता रहे हैं और निलंबन वापस लेने व आशीष जयसवाल को उम्मीदवार नहीं बनाने के लिए पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र तक लिख दिया है। बीजेपी से निलंबित पूर्व विधायक मलिकार्जुन रेड्डी ने कहा कि रामटेक क्षेत्र में वह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को मजबूत कैसे करेंगे, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एक्सीडेंटल मुख्यमंत्री हैं, शिंदे गुट को क्यों स्वीकार करेंगे, हमेशा के लिए उन्हें कैसे मुख्यमंत्री मानेंगे, वह एक्सीडेंटल मुख्यमंत्री बन गए हैं, हमारे विधायक ज्यादा आते हैं, अभी हमारे विधायक ज्यादा आएंगे तो मुख्यमंत्री शिंदे जी को कैसे बनाएंगे। उन्होंने कहा कि बिना नोटिस दिए उनके ऊपर कार्रवाई की गई है, इसलिए उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र भेजा है।
वरोरा सीट को लेकर भी बवाल
इस तरह की बगावत महाराष्ट्र के सिर्फ एक सीट को लेकर नहीं है। महाराष्ट्र के चंद्रपुर स्थित वरोरा विधानसभा सीट में भी बीजेपी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने विद्रोह का बिगुल फूंक दिया है। बीजेपी के कार्यकर्ता अपना विरोध जताने के लिए नागपुर के विदर्भ कार्यालय में बड़ी संख्या में पहुंच गए और संगठन मंत्री के सामने जमकर नारेबाजी की। इन लोगों की मांग है कि चंद्रपुर की वरोरा सीट शिवसेना को नहीं देनी चाहिए। इस सीट से बीजेपी का पक्ष काफी मजबूत है, इसलिए पार्टी को इस सीट से उम्मीदवार खड़ा करना चाहिए, जबकि वरोरा की सीट शिवसेना के कोटे में जाने की खबर है।
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