राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव शहर की सड़कों में स्पीड ब्रेकरों की वजह से शहर में स्लिप डिस्क के मरीज की संख्या बढ़ रही है. इससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इससे कमर दर्द के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं. ब्रेकरों की वजह से इसका असर सीधे रीढ़ की हड्डी पर पड़ता है. इस कारण लोगों को हड्डियों से जुड़ी कई प्रकार की परेशानियां हो रही हैं. बिना मापदंड के बनाए गए ब्रेकर के कारण स्लिप डिस्क, साइटिका के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. डॉक्टरों ने भी इसको लेकर सलाह दी है.
इस संबंध में जिला अस्पताल के सिविल सर्जन यूके चंद्रवंशी ने लोकल 18 को बताया कि हां यह सच है कि ब्रेकर नॉर्म्स या नियमों से नहीं बने हैं. इससे खास करके दो पहिया वाहन वाले ब्रेकर में ब्रेक का इस्तेमाल करें क्योंकि वाहन जब फुल स्पीड से ब्रेकर से गुजरता है तो स्पाइन में जर्क होता है. इससे स्लिप डिस्क होने का चांस बढ़ जाता है. इसकी रोकथाम के लिए स्पीड रेगुलेशन का पालन करना चाहिए नहीं तो हड्डी से जुड़ी कई परेशानियां होती हैं. अगर ब्रेकर आता है तो गाड़ी स्लो कर स्लोली क्रॉस किया जाए. इससे एक्सीडेंट के चांस कम हो जाएंगे और स्पाइन पर भी इसका असर नहीं पड़ेगा. लंबे समय तक इस तरह से झटका लगने से कमर से रिलेटेड प्रॉब्लम आ सकती है.
इसको लेकर स्थानीय नागरिक आशीष सोरी ने लोकल 18 को बताया कि नगर निगम क्षेत्र के साथ पूरे जिले में जहां रोड है वहां ब्रेकर बने हुए हैं. वहां बिना मापदंड के कई प्रकार के ब्रेकर बनाए गए हैं. इससे लोगों को कई प्रकार की प्रॉब्लम हो रही है. साइटिका और अन्य बीमारियां भी इसे हो रही हैं. हड्डी से रिलेटेड प्रॉब्लम लोगों को हो रही है. ऐसे में नियमों के तहत ब्रेकर बनाना चाहिए. बुजुर्ग और अधेड़ सहित बच्चों को भी इन बेतरतीब ब्रेकरों से होने वाली परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
FIRST PUBLISHED : October 17, 2024, 20:55 IST